सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के अशोक मॉडल को करारा झटका लगा है. तीन नंबर बोरो कमेटी के चुनाव में मिली हार के बाद मेयर अशोक भट्टाचार्य ने भी स्वीकार किया कि सिलीगुड़ी मॉडल जैसा कुछ नहीं है. यह अलग बात है कि सिलीगुड़ी नगर निगम पर वाम मोरचा का कब्जा है और पूरे सिलीगुड़ी की जनता हमारे पक्ष है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सिलीगुड़ी की जनता ने वामो को सिलीगुड़ी नगर निगम और महकमा परिषद पर बैठाया है.
इसबीच,सिलीगुड़ी नगर निगम के अधीन बोरो कमेटी के चेयरमैन के चुनाव में वाम मोरचा को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस का समर्थन निश्चित कर वामो छह वोट की उम्मीद लेकर मौसमी हाजरा को उम्मीदवार बनाया था. उनका मुकाबला तृणमूल के निखिल सहनी के साथ था. दोनों को पांच-पांच वोट मिले. टॉस से तृणमूल उम्मीदवार निखिल सहनी को जीत मिल गयी. दसों वार्ड पार्षदों की मौजूदगी में हुए गुप्त मतदान में माकपा और तृणमूल के बीच टाइ हो गया. गुप्त मतदान में ड्रा की स्थिति उत्पन्न कराने के लिये जहां एक तरफ निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने दबे स्वर में कांग्रेस वार्ड पार्षद सुजय घटक पर उंगली उठायी है तो वहीं सुजय घटक ने निष्ठा के साथ पार्टी के निर्देश को मानने का दावा किया है. तीन नंबर बोरो कमिटी पर अधिकार कर सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत पांच बोरो कमिटी में से तृणमूल ने तीन पर कब्जा जमा लिया है.
उल्लेखनीय है कि 2 जनवरी को सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत तीन नंबर बोरो कमिटी के चेयरमैन कांग्रेस के सुजय घटक ने इस्तीफा दे दिया था. सुजय घटक का आरोप था कि मेयर अशोक भट्टाचार्य कांग्रेस के अधीन वार्डों की उपेक्षा कर रहे हैं. गठबंधन साथी की अनदेखी कर विपक्षी तृणमूल पार्षदों के अधीन वार्डों में अधिक विकास कार्य कराया जा रहा है. इसके बाद मेयर ने सुजय घटक को इस्तीफे के निर्णय पर पुर्नविचार करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वे नहीं माने. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 के अंत में 31 मार्च को सुजय घटक का इस्तीफा मेयर ने स्वीकार कर लिया और मेयर परिषद सदस्यों की बैठक में 11 अप्रैल को चुनाव कराने का निर्णय लिया गया.
निर्धारित समय पर मंगलवार को तीन नंबर बोरो कमिटी के अंतर्गत कुल दस वार्डों के पार्षद निगम के सभागार में उपस्थित हुए. इसमें वार्ड नंबर 16 से 24 और 28 शामिल है. इन दस वार्डों में से वार्ड नंबर 19, 22, 24 और 28 माकपा के अधीन है. जबकि 17,18, 20 और 23 तृणमूल के अधीन और वार्ड नंबर 16 और 21 पर कांग्रेस का कब्जा है. तीन नंबर बोरो कमिटी के चेयरमैन चुनाव में तृणमूल के 17 नंबर वार्ड पार्षद शुक्ला देव, 18 नंबर वार्ड के निखिल सहनी, 20 नंबर वार्ड के पार्षद रंजन सरकार व 23 नंबर वार्ड पार्षद कृष्णचंद्र पाल, माकपा के 19 नंबर वार्ड पार्षद मौसमी हाजरा, 22 नंबर वार्ड पार्षद रिंकी दास, 24 नंबर वार्ड पार्षद शंकर घोष व 28 नंबर वार्ड पार्षद शर्मिला दास और कांग्रेस के 16 नंबर वार्ड पार्षद सुजय घटक व 21 नंबर वार्ड पार्षद स्वप्ना दत्ता सहित निगम के कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया प्रिसाईडिंग अधिकारी मुकुल सेनगुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे.
टॉस के लिए जिम्मेदार कौन?
मंगलवार को हुए चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार निखिल सहनी को टॉस के जरिए तीन नंबर बोरो कमिटी का चेयरमैन घोषित किया गया. चुनाव प्रक्रिया शुरु होते ही माकपा की ओर से 19 नंबर वार्ड पार्षद मौसमी हाजरा और तृणमूल की ओर से निखिल सहनी उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतरे. गुप्त मतदान में माकपा उम्मीदवार को पांच और तृणमूल उम्मीदवार को पांच वोट मिले. इसके बाद टॉस के जरिए चुनाव किया गया. जबकि आंकड़ो के हिसाब से माकपा उम्मीदवार मौसमी हाजरा को जीत मिलनी चाहिए थी. अब ऐसी स्थिति क्यौं उत्पन्न हुयी यह प्रश्न माकपा के लिये परेशानी का सबब है. तीन नंबर बोरो कमिटी के अंतर्गत दस वार्ड हैं. जिसमें से चार माकपा के अधीन, चार तृणमूल के अधीन और दो वार्ड पर कांग्रेस का अधिकार है. पिछले विधान सभा चुनाव से माकपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन जारी है. इस आंकड़े के मुताबिक माकपा उम्मीदवार को छह वोट मिलने चाहिए थे. लेकिन दोनों पक्षों को पांच-पांच वोट मिलने से जहां एक ओर तृणमूल खुश है वहीं माकपा परेशान.
क्या कहते हैं मेयर : इस संबंध में मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस का पूर्ण समर्थन नहीं मिला. कांग्रेस पार्टी को निर्दोष बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक वोट हमें नहीं मिला. कांग्रेस के सुजय घटक पर अप्रत्यक्ष रुप से उंगली उठाते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि किसने समर्थन नहीं दिया वह जाहिर है.
क्या निगम में तृणमूल 18 से 19 हुयी? : तीन नंबर बोरो कमिटी के चुनाव में तृणमूल को पांच वोट मिलने से कई प्रश्न उठ रहे हैं. सबसे प्रमुख प्रश्न यह है कि सिलीगुड़ी नगर निगम की विपक्षी तृणमूल कांग्रेस का आंकड़ा क्या 18 से 19 हो गया. बीते नगर निगम चुनाव में तृणमूल ने 17 वार्डों पर कब्जा जमाया था. लेकिन हाल ही में पांच नंबर वार्ड की फारवर्ड ब्लॉक पार्षद दुर्गा सिंह ने तृणमूल का दामन थाम लिया. इसके बाद आज के चुनाव में तृणमूल के चार वार्ड पार्षदों को अलावा एक अधिक गुप्त वोट मिलने से सिलीगुड़ी नगर निगम का राजनीतिक माहौल गरम हो गया है. इस संबंध में मेयर ने कहा कि तृणमूल को एक वोट अधिक मिला है. उसकी संख्या में बढ्ढ़ोत्तरी नहीं हुयी है. आज भी सिलीगुड़ी नगर निगम में माकपा बहुमत के साथ सत्ता में हैं.
रंजन सरकार ने मांगा मेयर का इस्तीफा : दूसरी तरफ तृणमूल दल के नेता रंजन सरकार ने कहा कि इस चुनाव के बाद मेयर को नैतिकता के आधार पर अपनी कुरसी छोड़ देनी चाहिए. तीन नंबर बोरो कमिटी के चुनाव में मिली जीत के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने साफ कहा कि जीत निश्चित करने के बाद ही तृणमूल मैदान में उतरी थी. गुप्त बैलेट में कौन किसे वोट दिया यह प्रमाणित नहीं किया जा सकता लेकिन तृणमूल उम्मीदवार के विजय से यह जरूर प्रमाणित होता है सत्ताधारी पक्ष के वार्ड पार्षदों को ही मेयर पर आस्था नहीं है. सिलीगुड़ी में माकपा और तृणमूल के बीच नहीं बल्कि लोग विकास के लिये लड़ाइ कर रहे हैं. आज के चुनाव में जिसने भी तृणमूल का समर्थन किया उस पार्षद ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य के विकास की गति को देखकर अपना निर्णय लिया है.
कैसा रहा कांग्रेस का साथ
तीन नंबर बोरो कमिटी के चुनाव में माकपा और तृणमूल को पांच-पांच वोट मिलने से कांग्रेस के भरोसे पर भी सवालिया निशान लगा है. मेयर ने स्वयं कांग्रेस वार्ड पार्षद सुजय घटक पर समर्थन ना देने का इशारा किया है. जबकि सुजय घटक ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मेयर को संदेह है तो कांग्रेस के बिना बोर्ड चलायें. उल्लेखनीय है कि सुजय घटक ने पहले ही इस चुनाव में शामिल ना होने का ऐलान किया था. उन्होंने साफ कहा था कि कांग्रेस तीन नंबर बोरो कमिटी के चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी. सूत्रों के मुताबिक बीते सोमवार की रात प्रदेश कांग्रेस की ओर से तीन नंबर बोरो कमिटी के अंतर्गत वार्ड पार्षद सुजय घटक और स्वप्ना दत्ता को चुनाव लड़ने या माकपा उम्मीदवार को समर्थन करने का निर्देश दिया गया. निर्देशानुसार कांग्रेस के दोनों पार्षद चुनाव में शामिल हुए. श्री घटक के बताया कि पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के निर्देश को मान कर कार्य किया गया है.