काम से निकाले जाने पर मजदूर ने की आत्महत्या
मालदा: तीन महीने से रोजगार नहीं मिलने से परेशान एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सोमवार की सुबह भावुक ग्राम पंचायत के पाड़ादिघी इलाके के एक आम बागान से ओल्ड मालदा थाने की पुलिस ने उसका लटकता हुआ शव बरामद किया. पुलिस ने मृतक की पहचान रवि पाहान(48) के रूप में की है. इस घटना को लेकर मृतक का परिवार व अन्य श्रमिकों ने नारायणपुर इंडस्ट्रियल इस्टेट इलाका स्थित एक निजी कारखाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
मृतक की पत्नी भारती पाहान ने कारखाना प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रवि पिछले 12 वर्षों से उसी कारखाने में काम कर रहा था. तीन महीना पहले रवि की तबीयत काफी बिगड़ गयी. जिसकी वजह से वह कुछ दिन काम पर नहीं जा सका. उसे छुट्टी या अन्य सहायता उपलब्ध कराने के बजाये कारखाना प्रबंधन ने उसे काम से निकाल दिया. काम से निकाले जाने के बाद वह मानसिक रूप से परेशान था.
रवि के आत्महत्या की खबर सुनकर काफी श्रमिक एकजुट होकर कारखाने के सामने विरोध प्रदर्शन करने लगे. श्रमिकों ने कारखाना प्रबंधन से मृत कर्मचारी के परिवार को मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. जानकारी मिलते ही ओल्ड मालदा थाने की पुलिस व पंचायत समिति के अध्यक्ष सुबोध चौधरी मौके पर आये. मांग माने जाने के बाद कर्मचारी शांत हुए.
शिक्षक की नौकरी नहीं मिली तो की खुदकुशी
बालूरघाट: प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं होने की वजह से एक युवक ने आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम अब्दुल रहीम (24) है. यह घटना दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमंडी थाना अंतर्गत नुरूल्लाकुरी इलाके की है. परिवार एवं स्थानीय तृणमूल पंचायत सदस्य का आरोप है कि प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए उसने किसी को पैसे दिये थे. उसके बाद ही नियुक्ति सूची में उसका नाम नहीं आया था. तब से ही वह काफी परेशान था. आखिरकार उसने घर के निकट एक पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी.
घटना की सूचना मिलते ही कुशमंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब्दुल रहीम कालियागंज कॉलेज में तृतीय वर्ष का छात्र था. पिता शरीफुल अहमद किसान हैं.
वह तृणमूल छात्र परिषद से भी जुड़ा हुआ था. एक बार वह चुनाव जीतकर सचिव भी बन गया था. 2014 में वह प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल भी हुआ. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उसने एक स्थानीय तृणमूल नेता को शिक्षक की नौकरी पाने के लिए एक मोटी रकम भी दी थी. हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि उसने कितने रुपये दिये थे. पिता शरीफुल अहमद का कहना है कि उन्होंने अपनी जमीन बेचकर नौकरी के लिए बेटे को पैसे दिये थे. इस बीच, 13 जनवरी से ही प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. एक पर एक सफल उम्मीदवारों के नाम जारी किये जा रहे हैं. दक्षिण दिनाजपुर जिले में सफल उम्मीदवारों की तीन सूची जारी की गयी, लेकिन इसमें से किसी में भी अब्दुल रहीम का नाम नहीं था. यहां तक कि मोबाइल पर मैसेज एवं ई-मेल नहीं आने से भी वह मानसिक रूप से टूट चुका था. वह घर से तालाब में नहाने की बात कह कर निकला था. बाद में पता चला कि उसने तालाब के निकट ही एक पेड़ से लटक कर जान दे दी है. इस मामले में स्थानीय कुशमंडी ग्राम पंचायत के सदस्य तथा तृणमूल नेता अब्दुल लतीफ ने कहा है कि अब्दुल रहीम पिछले कई दिनों से परेशान था. उसने नौकरी के लिए किसी को पैसे भी दिये थे. नौकरी तो मिली नहीं, ऊपर से पैसे भी डूब गये. इसी वजह से वह अक्सर चिंतित रहता था. संभवत: इसी कारण से उसने जान दे दी है. दूसरी तरफ परिवार की ओर से इस मामले में थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.