उनसे संपर्क करने पर उन्होंने भी कुछ बोलने से इनकार कर दिया आरोप है कि घटना के बाद मिल प्रबंधन ने बगैर कोई नाेटिस के मिल को बंद कर दिया. गौरतलब है इसके पहले भी 12 जनवरी को भी प्रबंधन ने श्रमिक असंतोष का कारण दिखा कर मिल को बंद कर दिया था. श्रमिक यूनियन के बैठक के बाद मिल फिर 16 जनवरी को खुल गयी. मिल के सामने पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है.
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नदिया जूट मिल बंद, 3000 बेरोजगार
कोलकाता. श्रमिक असंतोष के कारण मंगलवार को नैहाटी घोषपाड़ा रोड स्थित नदिया जूट मिल बंद हो गयी. इससे करीब तीन हजार श्रमिक बरोजगार हो गये. श्रमिकों का आरोप है कि मिल प्रबंधन ने दो विभाग में कार्यरत ए शिफ्ट के श्रमिकों को बी शिफ्ट में काम करने के लिए और ए शिफ्ट में ठेका श्रमिकों […]
कोलकाता. श्रमिक असंतोष के कारण मंगलवार को नैहाटी घोषपाड़ा रोड स्थित नदिया जूट मिल बंद हो गयी. इससे करीब तीन हजार श्रमिक बरोजगार हो गये. श्रमिकों का आरोप है कि मिल प्रबंधन ने दो विभाग में कार्यरत ए शिफ्ट के श्रमिकों को बी शिफ्ट में काम करने के लिए और ए शिफ्ट में ठेका श्रमिकों से काम कराने का निर्णय लिया था. इस पर स्थायी श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया. श्रम दफ्तर में तोड़फोड़ की. सूचना पाकर नैहाटी थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गयी. इस पर मिल के कर्मचारी सभी विभाग का काम बंद कर मिल के बाहर चले गये. मिल प्रबंधन के अधिकारी भी लापता हो गये.
बैरकपुर में रेल अवरोध
बंद जूट मिलों व अन्य बंद कारखानों को खोलने की मांग पर बैरकपुर रेल स्टेशन पर मंगलवार को सीटू की ओर से अवरोध किया गया. अवरोध का नेतृत्व सीटू नेता गार्गी चटर्जी ने किया. उन्होंने बताया कि बैरकपुर शिल्पांचल में पांच जूट मिलों सहित आठ कारखाने बंद हैं. इसमें काम करनेवाले कर्मचारियों की बेकारी के वजह से दयनीय स्थिति है. राज्य सरकार इन्हें खोलने की लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. अवरोध अपराह्न तीन बजे से साढ़े तीन बजे तक चला. अवरोध की वजह से रेल यातायात प्रभावित हुआ. जीआपी और रेल पुलिस के हस्तक्षेप से वहां से अवरोध हटा.
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