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सरकार के फैसले से ध्वस्त हो जायेगी लीकर इंडस्ट्री

कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने अब राज्य में देशी-विदेशी शराब के वितरण के लिए अलग निगम का गठन करने का फैसला किया है. राज्य सरकार के इस फैसले से वेस्ट बंगाल फॉरेन लीकर मैन्यूफैक्चरर्स होलसेलर्स एंड बोडंर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीएफएलएमडब्ल्यूबी) नाखुश है और उसका मानना है कि इससे राज्य सरकार के राजस्व को कोई विशेष फायदा […]

कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने अब राज्य में देशी-विदेशी शराब के वितरण के लिए अलग निगम का गठन करने का फैसला किया है. राज्य सरकार के इस फैसले से वेस्ट बंगाल फॉरेन लीकर मैन्यूफैक्चरर्स होलसेलर्स एंड बोडंर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीएफएलएमडब्ल्यूबी) नाखुश है और उसका मानना है कि इससे राज्य सरकार के राजस्व को कोई विशेष फायदा नहीं होगा, जबकि राज्य सरकार के इस फैसले से बंगाल में लीकर इंडस्ट्री पूरी तरह ध्वस्त हो जायेगी. वर्तमान समय में बंगाल में 10 मैन्यूफक्चरिंग यूनिट हैं और लगभग 102 लाइसेंस प्राप्त प्राइवेट वितरक हैं, जिनके अंतर्गत प्रत्यक्ष रूप से पांच हजार व अप्रत्यक्ष रूप से 12 हजार लोग कार्यरत हैं.

अगर राज्य सरकार खुद का निगम बनाती है, तो निजी वितरकों का काम बंद हाे जायेगा और हजारों लोग बेरोजगार हो जायेंगे. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार को अपना निगम लाने की जरूरत ही नहीं है. क्योंकि यहां आबकारी कर की मात्रा में प्रत्येक वर्ष औसतन 18 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है.

पिछले वर्ष राज्य सरकार को इससे लगभग 4000 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी. अगर राज्य सरकार अपना निगम बनायेगी, तो उससे राज्य को और अतिरिक्त 100-150 करोड़ रुपये का फायदा होगा. अगर मुख्यमंत्री चाहें तो एसोसिएशन के प्रतिनिधियाें के साथ बैठक कर सकती हैं और एसोसिएशन के पास ही ऐसी योजना है, जिससे राज्य सरकार को अतिरिक्त 100-150 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आवेदन किया गया है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें और एसोसिएशन को भी अपना पक्ष रखने का मौका दें.

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