अगर राज्य सरकार खुद का निगम बनाती है, तो निजी वितरकों का काम बंद हाे जायेगा और हजारों लोग बेरोजगार हो जायेंगे. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार को अपना निगम लाने की जरूरत ही नहीं है. क्योंकि यहां आबकारी कर की मात्रा में प्रत्येक वर्ष औसतन 18 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है.
पिछले वर्ष राज्य सरकार को इससे लगभग 4000 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी. अगर राज्य सरकार अपना निगम बनायेगी, तो उससे राज्य को और अतिरिक्त 100-150 करोड़ रुपये का फायदा होगा. अगर मुख्यमंत्री चाहें तो एसोसिएशन के प्रतिनिधियाें के साथ बैठक कर सकती हैं और एसोसिएशन के पास ही ऐसी योजना है, जिससे राज्य सरकार को अतिरिक्त 100-150 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आवेदन किया गया है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें और एसोसिएशन को भी अपना पक्ष रखने का मौका दें.