प्राप्त जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल के नामचे बाजार था. भूकंप की तीव्रता 5.4 रिक्टर स्केल पर मापी गयी है. भूकंप के झटके उत्तरी नेपाल के अलावा सिक्किम, उत्तर बंगाल, बिहार, असम समेत पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किये गये. आज सुबह भूकंप के झटके का दहशत आमलोगों के चेहरों पर देखी गयी.
सिलीगुड़ी में भी झटके महसूस हुए. सिलीगुड़ी के 47 नंबर वार्ड के डीजल कॉलोनी के शिशुडांगी निवासी अरूण छेत्री ने भी दहशत भरे शब्दों में कहा कि कई सेकेंड तक पलंग हिलने से नींद टूट गयी और भूकंप का एहसास होते ही घर के सभी सदस्यों को उठा कर मकान से बाहर आ गये. श्री छेत्री का कहना है इस भूकंप ने बीते वर्ष नेपाल में आये भीषण जलजले की याद को ताजा करा दिया. भूकंप का दहशत लोगों में इस कदर व्याप्त था कि झटके बंद हो जाने के कई देर बाद भी लोग मकान में जाने से कतरा रहे थे. सिलीगुड़ी में भी कहीं से भी हताहत होने की खबर नहीं मिली है.
यहां उल्लेखनिय बात यह है कि बीते वर्ष 25 अप्रैल को नेपाल में 7.8 रिक्टर स्केल पर भूकंप आया था. इस भयंकर जलजले में हजारों लोगों की मौत हुई, कई-कई गांव तबाह हो गये, सैकड़ों घर-मकान उजड़ गये. हजारों लोग बेघर हुए. इस प्राकृतिक आपदा के बाद नेपाल में इसके बाद भी लगातार कई दिनों तक झटके महसूस होते रहे. इसका असर काफी दिनों तब देखा गया. इस भयानक मंजर के बाद नेपाल में आये दिन छोटे-मोटे भूकंप के झटके महसूस किये जाते रहते हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान सिलीगुड़ी के लोगों को भी इस प्रकार के झटके से दा चार होना पड़ रहा है.