रसायन से संबंधित जांच के लिये इस लैब में ढांचागत सुविधाओं का आभाव है. इससे संबंधित मामलों को सीधे कोलकाता फॉरेंसिक लैब भेजा जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे उत्तर बंगाल से फॉरेंसिक से जुड़े कुल 60 से 70 मामले जलपाईगुड़ी के फॉरेंसिक लैब में हर महीने भेजे जाते हैं. बाद में इनसभी मामलों को कोलकाता के फॉरेंसिक लैब में भेजा जाता है. कोलकाता के फॉरेंसिक लैब पर काम काफी बोझ है. इसके परिणाम स्वरूप यहां से भेजे गए मामला वर्षों तक धरे रह जाते हैं. रसायन व जहर से जुड़े मामलों की जांच उचित समय पर पूरी नहीं होने से पीड़ितों को इंसाफ मिलने में भी देरी होती है.
इस समस्या के समाधान के लिये वर्षों पहले पहल की गयी थी. केंद्र सरकार की ओर से रसायन व जहर संबंधी जांच के लिये बुनियादी ढांचागत व्यवस्था के लिये आवश्यकर राशि आवंटित कर दी गयी. उसके बाद भी पिछले 12 वर्षों में निर्माण कार्य समाप्त ही नहीं कराया जा सका है. निर्माण कार्य में से लोक निर्माण विभाग सवालों के घेरे में है. केंद्र सरकार की ओर से करीब 12 करोड़ से अधिक रूपये दिये जाने के बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका पड़ा है.
इस संबंध में जलपाईगुड़ी जिला पुलिस अधीक्षक अमिताभ माईती ने बताया कि भवन निर्माण कार्य जारी है. ढांचागत व्यवस्था के बाद आवश्यक उपकरण की पूरी व्यवस्था की जायेगी. उसके बाद रसायन संबंधी मामलों की जांच यहीं की जायेगी. निर्माण कार्य को जल्द समाप्त करने के लिये उन्होंने स्वयं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है.