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गुलाबी ठंड के साथ ही सज गया भुटिया मार्केट

सिलीगुड़ी. पूरे उत्तर भारत के साथ सिलीगुड़ी व उत्तर बंगाल में भी गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. और इसी के साथ शहर का ऐतिहासिक भुटिया मार्केट सज गया है. सर्दी के मौसम में तीन महीने के लिए सजनेवाले गरम कपड़ों के इस बाजार का अपना एक अलग आकर्षण है. सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा में […]

सिलीगुड़ी. पूरे उत्तर भारत के साथ सिलीगुड़ी व उत्तर बंगाल में भी गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. और इसी के साथ शहर का ऐतिहासिक भुटिया मार्केट सज गया है. सर्दी के मौसम में तीन महीने के लिए सजनेवाले गरम कपड़ों के इस बाजार का अपना एक अलग आकर्षण है. सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा में लगनेवाले इस बाजार की खासियत यह है कि यहां पहाड़ (दार्जिलिंग व सिक्किम) से आये लोग दुकाने लगाते हैं और हाथ से बुने ऊनी कपड़े बेचते हैं. भुटिया मार्केट में स्टाइलिश और मनमोहक रंगों के स्वेटर, कार्डिगन, ऊनी जैकेट, शाल, मफलर, स्कार्फ, टोपी, दस्ताने, मोजे आदि किफायती दरों पर ग्राहकों को उपलब्ध होते हैं.

इन गरम कपड़ों के लिए समतल के लोग भुटिया मार्केट के सजने का बेसब्री से इंतजार करते हैं.भुटिया मार्केट का अपना एक इतिहास है. सर्दी के मौसम में पहाड़ पर कड़ाके की ठंड पड़ती है. बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में तो रहना भी मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से सर्द मौसम के तीन-चार महीने पहाड़वासी समतल की ओर रुख करते हैं. नवंबर के अंतिम सप्ताह व दिसंबर की शुरुआत तक पहाड़ के काफी लोग सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में आकर बसते हैं और मार्च महीने तक समय यहीं बिताते हैं. इसी दौरान भुटिया मार्केट भी गुलजार होता है.

बीते 30-35 साल से भुटिया मार्केट हाकिमपाड़ा में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सामने जीटीएस क्लब के मैदान में लग रहा है. इससे पहले यह हास्पिटल मोड़ से लेकर हिलकॉर्ट रोड मोड़ तक सड़क किनारे फुटपाथ पर लगता था. सर्दी के मौसम में सिलीगुड़ी में बरसों से अपना स्टॉल लगानेवाली एक महिला डोमा भुटिया, जो सिक्किम के छांगुलेक की रहनेवाली है, अपनी याददाश्त पर जोर डालते हुए बताती हैं कि वह तकरीबन 40-45 वर्षों से यह काम करते आ रही हैं. वह पहले हॉस्पिटल मोड़ के पास फुटपाथ पर स्टॉल लगाती थीं. जिस वर्ष उन्होंने पहली बार सिलीगुड़ी में स्टॉल लगायी थी, उससे काफी पहले से ही यहां यह मार्केट लगता था.डोमा भुटिया ने बताया कि बाद में सिलीगुड़ी को शहर में तब्दील होते देख सरकार ने 35 वर्ष पहले हॉस्पिटल मोड़ से कोर्ट मोड़ तक हमें स्टॉल लगाने से मना कर दिया. हॉस्पिटल मोड़ के पास स्थित एक बड़ा मैदान, तिलक मैदान, जो आज कंचनजंघा स्टेडियम के नाम से प्रसिद्ध है, वहां इस मार्केट को स्थानांतरित किया गया. केवल एक वर्ष ही तिलक मैदान में मार्केट लगा. उसके बाद 35 वर्ष से आज तक जीटीएस क्लब के मैदान में ही यह मार्केट लगता आ रहा है.

सिलीगुड़ी भुटिया मार्केट कमेटी के सचिव सोनम भुटिया एवं अध्यक्ष लपसांग डोमा भुटिया हैं. सोनम भुटिया ने बताया कि इस अस्थायी मार्केट को सुचारु रुप से संचालित करने के लिए प्रत्येक वर्ष कमेटी गठित होती है. इसबार कुल 60 स्टॉल लगे हैं. इनमें अधिकांश स्टॉल सज गये हैं, बाकि भी जल्द शुरू हो जायेंगे.सोनम भुटिया ने बताया कि स्टॉल मालिकों और खरीदारों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था प्रत्येक वर्ष कमेटी द्वारा की जाती है. साथ ही सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. मार्केट में जगह-जगह अग्निशामक यंत्र (सीजफायर) लगाये गये हैं. वहीं चार सुरक्षा गार्ड हमेशा मार्केट की पहरेदारी के लिए मुस्तैद रहते हैं.

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