जाने से पहले टीम ने इशारों-इशारों में एनबीयू को ‘ए’ ग्रेड का दर्जा दिये जाने पर प्रश्न चिह्न लगा दिया. टीम द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर ही किसी भी विश्वविद्यालय को ‘ए’ या फिर ‘बी’ ग्रेड के दर्जे का प्रमाण-पत्र मिलता है. नैक के छह सदस्यीय टीम के चेयरमैन आरसी सोब्ती ने एनबीयू के सभाकक्ष में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नैक के छह सदस्यों की टीम के यहां आने की सूचना एनबीयू को पहले से ही थी.
इसलिए हमारे स्वागत में प्रबंधन की ओर से कैंपस में कई जगहों पर हमें दिखाने के लिए आर्टिफिशियल तरीके से आनन-फानन में सजावट की गयी. कई जर्जर-जर्जर बिल्डिंगों को रंग-रोगन कर उसकी वास्तविक स्थिति को छुपाने की कोशिश की गयी. श्री सोब्ती ने समारोह में उप-कुलपति सोमनाथ घोष की मौजूदगी में ही एनबीयू प्रबंधन को सलाह देते हुए कहा कि हमारे स्वागत के ताम-झाम करने के बजाये पहले से ही विश्वविद्यालय के ढांचागत विकास और प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि एनबीयू के बॉटनी व साइंस के सभी विभागों को छोड़े दे तो अन्य विभागों की दशा काफी सोचनीय है. स्पोर्ट्स का जरूरत के अनुसार विकास नहीं हुआ है.
किसी भी विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा आकर्षण वहां की पुस्तकालय होती है. जबकि एनबीयू का पुस्तकालय अपनी वास्तविक स्थिति पर खुद रो रही है. पुस्तकालय को अत्याधुनिक करने की आवश्यकता है. अधिकांश बिल्डिंगे मरम्मत की राह तांक रही है.
छात्रावास (हॉस्टल) की हालत भी बढ़िया नहीं है. छात्रावास के गुणवत्ता के विकास पर और ध्यान देने की जरूरत है. समारोह की समाप्ती के बाद नैक की पूरी टीम आज ही वापस लौट गयी. वहीं, उप-कुलपति सोमनाथ घोष मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचने के लिए समारोह से चुपचाप खिसक लिये. समारोह में एनबीयू के अधिकांश विभागों के अध्यक्ष, प्रोफेसर, अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी मौजूद थे.