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चाय बागान के आदिवासियों ने फिर उठायी हक की आवाज

सिलीगुड़ी. ‘बचपन को करे आबाद-आंगनबाड़ी जिंदाबाद, गोदामों में सड़े अनाज, फिर भी बच्चे भूखे आज’ जैसे नारों के साथ तराई इलाके के चाय बागानों के आदिवासियों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंच के बैनर तले गुरूवार को एक बार फिर हक की आवाज उठायी. साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में गड़बड़ी और अनियमितता का आरोप लगाते […]

सिलीगुड़ी. ‘बचपन को करे आबाद-आंगनबाड़ी जिंदाबाद, गोदामों में सड़े अनाज, फिर भी बच्चे भूखे आज’ जैसे नारों के साथ तराई इलाके के चाय बागानों के आदिवासियों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंच के बैनर तले गुरूवार को एक बार फिर हक की आवाज उठायी. साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में गड़बड़ी और अनियमितता का आरोप लगाते हुए सिलीगुड़ी में एक विशाल जागरूकता रैली निकाली और सड़क पर प्रदर्शन किया.

रैली हिलकार्ट रोड के मल्लागुड़ी स्थित हनुमान मंदिर के सामने से शुरू हुआ और सिलीगुड़ी महकमा परिषद में पहुंचकर घेराव में तब्दील हो गया. यहां प्रदर्शनकारियों के अगुवा नेता ललित तिर्की (एक्का) के नेतत्व में प्रतिनिधियों का एक दल जिला अधिकारी (डीएम) डॉ अनुराग श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत चाय बागानों के श्रमिकों को उनका पूरा हक देने की मांग की.

श्री तिर्की का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चाय बागानों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने की योजना के तहत श्रमिकों को पूरा अधिकार मिलना चाहिए और सभी सेवाएं मिलनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि राशन दुकानों को निजी हाथों में जाने नहीं दिया जायेगा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ढांचागत सुधार की जरूरत हैं. उनके हिसाब-किताब में पारदर्शिता व स्पष्टीकरण की जरूरत है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली की गतिविधियों पर जांच कमेटी के अधिकारियों की नजर होनी चाहिए. सबों को डिजिटल राशन कार्ड व सुविधाएं देने की मांग की.

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