7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नोटबंदी के चलते बांग्लादेश को निर्यात हुआ ठप, खड़े हैं ट्रक

मालदा. पांच सौ और एक हजार के नोट को रद्द किये जाने का भारत-बांग्लादेश अंतराष्ट्रीय वाणिज्य सीमांत पर भारी असर हुआ है. विभिन्न राज्यों से आनेवाले बोल्डर लदे ट्रकों की लंबी कतार खड़ी हो रही है. कारण ट्रक चालकों के पास रास्ते के खर्च के लिए जो भी रुपये हैं, वह सब पांच सौ और […]

मालदा. पांच सौ और एक हजार के नोट को रद्द किये जाने का भारत-बांग्लादेश अंतराष्ट्रीय वाणिज्य सीमांत पर भारी असर हुआ है. विभिन्न राज्यों से आनेवाले बोल्डर लदे ट्रकों की लंबी कतार खड़ी हो रही है. कारण ट्रक चालकों के पास रास्ते के खर्च के लिए जो भी रुपये हैं, वह सब पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट हैं.

इसके अतिरिक्त बांग्लादेश में भारत का पुराना पांच सौ और एक हजार का नोट नहीं चल रहा है. जिसकी वजह से सीमापार पहुंचकर भी ट्रक चालकों को चरम परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अतिरिक्त बांग्लादेश को अंगूर, सेब आदि निर्यात करने वाले व्यवसायी भी यह नोट ग्रहण नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह से व्यवसायियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

महदीपुर एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव समीर घोष ने बताया कि प्रतिदिन करीब तीन करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हो रही है. एक वर्ष में चार हजार करोड़ रुपये का बोल्डर बांग्लादेश निर्यात किया जाता है. लेकिन पांच सौ और एक हजार के नोट रद्द किये जाने से आयात-निर्यात पर गहरा प्रभाव पड़ा है. महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि से माल महदीपुर सीमांत से बांग्लादेश भेजा जाता है. लाखों के माल के लिए छोटे नोट नहीं मिल रहे, जबकि व्यवसायी बड़े नोट लेने से साफ इनकार कर रहे हैं. इसकी वजह से आयात व निर्यात कम हो रहा है.
उन्होंने बताया कि एक ट्रक चालक का प्रतिदिन का खर्च करीब एक हजार रुपया है. गाड़ी, माल आदि के रखरखाव को मिला कर दो हजार रुपया रोज खर्च होता है. लेकिन अधिकांश चालकों के पास बड़े नोट हैं और वह नोट बाजार में चल नहीं रहा है. महदीपुर सीमांत से प्रतिदिन करीब चार सौ से साढ़े चार सौ ट्रकों की आवाजाही होती है.

लेकिन आठ नवंबर के बाद से ट्रकों की संख्या घटकर पचास के आसपास हो गयी है. दूसरी ओर महदीपुर क्लियरिंग और फॉरवर्डिंग वेलफेयर एसोसिएशन से सचिव भूपति मंडल ने कहा कि नोट रद्द किये जाने के बाद से निर्यात बंद होने के कगार पर है.

बाहर से आये चालक जिस तरह बड़े नोट को लेकर समस्या में हैं, उसी प्रकार व्यवसासियों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. भारत सरकार की ओर से सीमांत इलाके में एक सौ और पचास के नोट की तादाद बढ़ाना आवश्यक है. साथ ही बड़े नोट की समय सीमा और बढ़ाने की आवश्यकता है. अन्यथा आयात-निर्यात व्यवसाय पर काफी गहरा असर पड़ेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें