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सिलीगुड़ी : काली पूजा में तारापीठ का भी दर्शन
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर में प्रत्येक साल की तरह ही इस साल भी एक से बढ़कर एक काली पूजा का आयोजन किया जा रहा है. विभिन्न पूजा पंडालों का उद्घाटन भी हो गया है. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव शुक्रवार को दिन भर काली पूजा पंडालों के उद्घाटन में व्यस्त रहे. शुक्रवार से ही […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर में प्रत्येक साल की तरह ही इस साल भी एक से बढ़कर एक काली पूजा का आयोजन किया जा रहा है. विभिन्न पूजा पंडालों का उद्घाटन भी हो गया है. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव शुक्रवार को दिन भर काली पूजा पंडालों के उद्घाटन में व्यस्त रहे. शुक्रवार से ही दर्शनार्थियों का आना भी पूजा पंडालों में शुरू हो गया है.
शहर के हिलकार्ट रोड स्थित रायल रोटर्स स्पोर्टिंग क्लब (आरटीएस) द्वारा आयोजित पूजा का भी आज उद्घाटन हो गया. यहां भव्य पूजा पंडाल बनाया गया है. काली पूजा के साथ ही लोग तारापीठ का दर्शन भी कर सकते हैं. पूजा आयोजकों ने बताया है कि इस बार काली पूजा का मुख्य थीम विश्व शांति है.
देश और दुनिया में अमन-चैन के लिए तीनों दिनों तक यज्ञ एवं हवन का आयोजन किया जायेगा. आयोजकों ने आगे बताया कि शनिवार 29 तारीख से लेकर पूजा के अंतिम दिन 31 तारीख तक यज्ञ एवं हवन के कार्यक्रम रखे गए हैं. यज्ञ के संचालन के लिए तारापीठ से सात पुरोहितों की एक टीम भी आयी हुई है. दरअसल, पूरे पूजा को तारापीठ पर ही आधारित रखा गया है. पंडाल को जहां तारापीठ मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है, वहीं काली प्रतिमा को भी मां तारा को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
तारापीठ के प्रख्यात साधक एवं तांत्रिक बामा खेपा की प्रतिमा को भी यहां लगाया गया है. इसके अतिरिक्त इस बार लाइटिंग भी जबरदस्त की गई है. चंदन नगर के कारीगर दिन-रात लाइटिंग के काम में जुटे हुए हैं. शुक्रवार को करीब-करीब काम पूरा हो चुका है. आयोजकों ने कहा कि जो थोड़ा बहुत काम बचा है, वह शनिवार सुबह तक संपन्न कर लिया जायेगा. इस साल मैकेनिकल लाइटिंग की गई है. पूजा देखने आने वाले लोग न केवल लाइटिंग देख सकेंगे, बल्कि इसे महसूस भी कर सकेंगे. लाइटिंग से ही हाथी को बनाया गया है.
श्रद्धालु हाथी की चिंघार भी सुन सकेंगे. हाथी के सूड़ से पानी की बौछार भी श्रद्धालुओं पर किये जाने की व्यवस्था रखी गई है. जाहिर तौर पर आम लोगों को लगेगा कि वह लोग हाथी के निकट खड़े हैं. श्रद्धालुओं को इस बार भगवान शिव के तांडव नृत्य का भी दर्शन हो सकेगा. पूजा कमेटी के सचिव रवीन्द्र घोष ने बताया है कि तीन दिनों तक चलने वाले पूजा कार्यक्रम में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. 31 तारीख तक बच्चों के लिए चित्र बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इसमें तीन साल से 18 साल तक के बच्चे भाग ले सकेंगे.
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