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पूजा बोनस को लेकर आज कोलकाता में होगी बैठक
रुख में नरमी, समस्या के समाधान की उम्मीद जलपाईगुड़ी : शुक्रवार को कोलकाता में पूजा बोनस को लेकर होने वाली तीसरी बैठक से पहले गुरुवार को डुवार्स स्थित चाय बागनों में श्रमिकों ने गेट मीटिंग की. इस दौरान माकपा और कांग्रेस के श्रमिक संगठनों ने नरमी दिखायी और बागान मालिकों से बोनस समस्या को शीघ्र […]
रुख में नरमी, समस्या के समाधान की उम्मीद
जलपाईगुड़ी : शुक्रवार को कोलकाता में पूजा बोनस को लेकर होने वाली तीसरी बैठक से पहले गुरुवार को डुवार्स स्थित चाय बागनों में श्रमिकों ने गेट मीटिंग की. इस दौरान माकपा और कांग्रेस के श्रमिक संगठनों ने नरमी दिखायी और बागान मालिकों से बोनस समस्या को शीघ्र दूर करने का अनुरोध किया. यहां बता दें कि बागान मालिक श्रमिकों के 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग को नहीं मान रहे हैं. इतने दिन तक श्रमिक यूनियन अपनी मांग पर अड़े हुए थे,लेकिन आज इनके अंदर नरमी देखी गयी.
इससे पहले 20 अगस्त को कोलकाता में पूजा बोनस को लेकर बागान मालिकों और श्रमिक संगठनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. इस बैठक में श्रमिक संगठनों ने प्रत्येक ग्रुप के कर्मचारियों को 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग रखी.
जबकि मालिकों ने ग्रुप ए कर्मचारियों को 13.5 प्रतिशत, ग्रुप बी को 12, ग्रुप सी को 11 एवं ग्रुप डी के कर्मचारियों को 9 प्रतिशत बोनस देने का प्रस्ताव दिया. इस पर बात नहीं बनी. फिर 4 सितंबर को कोलकाता में दूसरी बैठक हुई. इस बैठक में मालिकों ने बोनस की प्रतिशत को थोड़ा आगे बढ़ाया. ग्रुप ए कर्मचारियों को 15, ग्रुप बी को 13.5, ग्रुप सी को 12 एवं ग्रुप डी कर्मचारियों को 10 प्रतिशत बोनस देने का प्रस्ताव दिया. श्रमिक संगठन चारों ग्रुप के कर्मचारियों को 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग पर अड़े रहे. फलस्वरूप दूसरी बैठक में भी बात नहीं बनी.
अब शुक्रवार को कोलकाता के इंडियन नेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स कार्यालय में बागान मालिकों और श्रमिक संगठनो के बीच तृतीय बैठक होनी है. राज्य श्रम विभाग और चाय निदेशालय की भी नजरें इस बैठक पर टिकी हुई है. गुरुवार को डुआर्स के अधिकांश चाय बागानो में माकपा और कांग्रेस चाय श्रमिक संगठनों ने श्रमिकों के साथ गेट मीटिंग की. माकपा समर्थित चाय बागान श्रमिक संगठन के संयुक्त सचिव रामलाल मुर्मू ने बताया कि जिन चाय बागान प्रबंधन के पास 20 प्रतिशत बोनस देने की क्षमता है, उन्हें तो देना ही होगा.
कुछ छोटे चाय बागान हैं, उनकी आर्थिक अवस्था को ध्यान में रखते हुए समझौता करने का विचार किया गया है. इधर ,कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठन एनयूपीडब्लूयू के संयुक्त सचिव मणिकुमार दर्नाल ने कहा कि प्रथम दो बैठक में कोई फैसला नहीं निकला है. कल की बैठक में बागान प्रबंधन की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर फैसला लेने का विचार किया गया है.
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