दार्जिलिंग. गोजमुमो ने जीटीए को खत्म करने की मांग की है. उसका कहना है कि त्रिपक्षीय समझौते के बाद स्वायत्त संस्था के रूप में जीटीए का गठन हुआ था, लेकिन राज्य सरकार इसको फेल करना चाहती है. राज्य सरकार के हस्तक्षेप की वजह से जीटीए का कामकाज चला पाना काफी मुश्किल है.
ऐसे में इस व्यवस्था को खत्म करना ही सबसे अच्छा विकल्प है. जीटीए खत्म करने की मांग को लेकर विमल गुरूंग तथा गोजमुमो केंद्रीय कमिटी के अन्य नेता शीघ्र ही दिल्ली जायेंगे और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगे. ये लोग जीटीए खत्म करने की मांग को लेकर उन्हें एक ज्ञापन देंगे.
यह निर्णय मंगलवार को गोजमुमो की केंद्रीय कमिटी की बैठक में लिया गया. इस बैठक में विमल गुरूंग के अलावा रोशन गिरी तथा विनय तामांग सहित केंद्रीय कमिटी के तमाम नेता उपस्थित थे. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री गिरि ने कहा कि पहाड़ पर स्वायत्त निकाय की कोई आवश्यकता नहीं है. पहाड़ की समस्या का समाधान अलग गोरखालैंड राज्य के गठन से ही संभव है. वे लोग केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर जीटीए का खत्म कर अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग करेंगे. इसके साथ ही श्री गिरि ने जीटीए से इस्तीफे का भी संकेत दिया. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वे सभी लोग जीटीए से इस्तीफा देने को तैयार हैं. बस आप सभी समय का इंतजार कीजिए. इसके साथ ही उन्होंने गोरखालैंड आंदोलन और तेज करने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तथा गांधीवादी तरीके से गोरखालैंड आंदोलन किया जायेगा. विद्यार्थी मोरचा तथा युवा मोरचा द्वारा पहले से ही आंदोलन शुरू कर दिया गया है. विद्यार्थी मोरचा की तरफ से रिले अनशन किया जा रहा है, तो युवा मोरचा के सदस्य रैली आदि निकाल रहे हैं. इसके साथ ही नारी मोरचा को भी मैदान में उतारा जायेगा. नारी मोरचा के लिए आंदोलन की रूपरेखा तय कर दी गयी है. नारी मोरचा की महिलाएं शीघ्र ही गोरखालैंड के लिए सड़क पर उतरेंगी.