सोमवार को आरोपी सुनील मंडल को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आरोपी को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है. पुलिस पूछताछ में और जानकारियां सामने आ सकती हैं. पुलिस को उसके खिलाफ काफी सबूत मिल चुके. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त मामला बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है. यह मामला करीब छह माह पुराना है. खोड़ीबाड़ी थाना अंतर्गत रहनेवाली एक छात्रा भारती दास ने प्राथमिक विद्यालय काउंसिल कार्यालय के कर्मी पर नौकरी के नाम पर ठगी करने का एक मामला पिछले दिसंबर महीने में दर्ज कराया था.
पुलिस इस मामले को दबा कर रखा था. बीते तीन महीने पहले छात्रा ने एफआईआर की एक प्रति के साथ प्राइमरी काउंसिल कार्यालय में शिकायत की. शिकायत मिलते ही प्राइमरी काउंसिल कार्यालय सकते में आ गया. काउंसिल के चेयरमैन मुकुलकांति घोष ने तुरंत आरोपी सुनील मंडल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. आरोपी सुनील मंडल सिलीगुड़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय काउंसिल कार्यालय में ग्रुप डी कर्मचारी था.
वह भी खोड़ीबाड़ी थाना अंतर्गत बतासी इलाके का निवासी है. पीड़ित छात्रा वर्ष 2009 और 2012 में होने वाली प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल हुई थी. इसके बाद परीक्षा परिणाम आदि को लेकर वह बराबर कार्यालय का चक्कर लगाती थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात सुनील मंडल से हुई. नौकरी के लिए उसकी ललक देखकर सुनील ने उससे रुपये एंठने का प्लान बनाया. उसने एक शिकारी की तरह छात्रा के सामने दाना डाला. सुनील ने छात्रा से एक लाख रुपये में सौदा तय किया.
छात्रा आरोपी के चंगुल में फंस गयी. नौकरी के लालच में उसने सुनील मंडल को एक लाख रुपये दिये. रुपये मिलने के बाद सुनील का व्यवहार बदल गया. उसने छात्रा से बात करने में आनाकानी शुरू कर दी. इसके बाद छात्रा को एहसास हुआ कि वह एक षड्यंत्र के तहत ठगी का शिकार हुई है. इसके बाद ही उसने खोड़ीबाड़ी थाने में सुनील मंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. छात्रा थाने का चक्कर काटते-काटते थक गयी.
इसके बाद उसने प्राइमरी काउंसिल कार्यालय में एक शिकायत की. शिकायत दर्ज होने के बाद प्राइमरी काउंसिल ने आरोपी के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया. विभागीय जांच बैठायी गयी. जांच में सुनील दोषी पाया गया. इसके बाद बीते सोमवार को खोड़ीबाड़ी थाना की पुलिस ने आरोपी सुनील मंडल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया.