उन्होंने सोमवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में करीब अपराह्न तीन बजे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक न्यायाधीश (एसीजेएम) देवांजन घोष के सामने आत्मसमर्पण किया. हालांकि बचाव पक्ष और सरकारी वकील की दलिलें सुनने और सबूतों को देखने के बाद श्री घोष ने श्री मालाकार को कोर्ट से ही जमानत पर रिहा कर दिया. कोर्ट से बाहर आने के बाद बचाव पक्ष के वकील चंदन दे ने मीडिया को बताया कि हाल में ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शंकर मालाकार के विरूद्ध माटीगाड़ा के नेता गौतम किरतनिया ने बागडोगरा थाना में जमीन धोखाधड़ी करने का एक झूठा मामला दायर किया था. जिसमें श्री मालाकार कोर्ट से बरी हो गये.
हालांकि इस दौरान श्री मालाकार मीडिया का सामना करने से कतराते दिखे और उन्होंने इस मामले में बयानबाजी करने से साफ इंकार कर दिया. वहीं, इस बावत गौतम किरतनिया से भी उनके मोबाइल फोन में संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.