अनाथ आश्रम में रहने वाले कई बच्चों को वहां से हटा दिया गया था. अनाथ आश्रम को सील कर दिया गया है. इस बीच, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस आश्रम की संचालिका उमा मल्लिक का अब तक कोई अता-पता नहीं है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के साथ ही पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा थाने में भी शिकायत दर्ज करायी गई है. उसके बाद से ही पुलिस इस मामले की जांच करने के साथ-साथ उमा मल्लिक की भी तलाश कर रही है.
जिस समय आश्रम में छापामारी की गई थी, उस समय चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने मंगलवार तक आवश्यक दस्तावेज जमा कराने का निर्देश दिया था. मंगलवार बीत जाने के बाद भी आश्रम की ओर से अब तक कोई दस्तावेज जमा नहीं कराया गया है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने आश्रम की संचालिका उमा मल्लिक को भी हाजिर होने के लिए कहा था. समय बीत जाने के बाद भी वह कमेटी के कार्यालय में हाजिर नहीं हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उमा मल्लिक के स्थान पर उनके पति चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के कार्यालय गये थे और सीलबंद आश्रम को खोलने की मांग की. उनकी ओर से एक ज्ञापन भी दिया गया.
उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा है कि अनाथ आश्रम में गरीब बच्चे रहते हैं. उसके बंद होने से गरीब बच्चों को रखने में परेशानी होगी. उमा मल्लिक के पति ज्ञापन तो दे आये, लेकिन अनाथ आश्रम संबंधी कोई दस्तावेज चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को नहीं सौंप आये. समय बीत जाने के बाद उत्तर बंग अनाथ आश्रम की संचालिका उमा मल्लिक के खिलाफ भक्तिनगर थाने में शिकायत दर्ज करा दी गई.
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के मजिस्ट्रेट मन्ना मुखर्जी का कहना है कि उत्तर बंग अनाथ आश्रम पूरी तरह से अवैध है. नोटिस दिये जाने के बाद भी आश्रम के संचालन करने वाले कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके. इसके अलावा आश्रम में बच्चों को रखने के लिए ढांचागत सुविधाएं तक नहीं है. सिर्फ इतना ही नहीं, आश्रम में बच्चों को रखे जाने के रिकार्ड तक नहीं है. अब तक कहां से कितने बच्चे आश्रम में आये और कहां गये, इसकी कोई जानकारी आश्रम प्रबंधन ने नहीं दी है. इधर, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उमा मल्लिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही है. पुलिस उसको गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है.