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तृणमूल जिला कमेटी से कई हेवीवेट नेताओं का होगा पत्ता साफ

सिलीगुड़ी : विधानसभा चुनाव में दार्जिलिंग जिले के सभी छह सीटों पर करारी हार के बाद तृणमूल के जिला नेताओं की नींद उड़ी हुई है. इनमें से कई हैवीवेट नेता इन दिनों काफी परेशान हैं. माना जा रहा है कि नयी जिला कमेटी में इन नेताओं का पत्ता साफ होना तय है. यहां उल्लेखनीय है […]

सिलीगुड़ी : विधानसभा चुनाव में दार्जिलिंग जिले के सभी छह सीटों पर करारी हार के बाद तृणमूल के जिला नेताओं की नींद उड़ी हुई है. इनमें से कई हैवीवेट नेता इन दिनों काफी परेशान हैं. माना जा रहा है कि नयी जिला कमेटी में इन नेताओं का पत्ता साफ होना तय है.
यहां उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर प्रख्यात फुटबॉलर वाइचुंग भुटिया चुनाव लड़े थे, लेकिन कांग्रेस समर्थित माकपा उम्मीदवार अशोक भट्टाचार्य से उनकी करारी हार हुई थी. ऐसा नहीं है कि सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस की यह कोई पहली हार हुई हो. इससे पहले भी सिलीगुड़ी नगर निगम तथा सिलीगुड़ी महकमा परिषद के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की हार हो चुकी है. इस बार विधानसभा चुनाव में तो सिलीगुड़ीमहकमा के तीनों तथा दार्जिलिंग जिले के सभी छह सीटों पर ही पार्टी की हार हुई है.
एक ओर जहां पूरे राज्य में तृणमूल की जय-जयकार हुई वहीं दार्जिलिंग तथा मालदा जिले में पार्टी की करारी हार को लेकर पार्टी सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी काफी नाराज हैं. उन्होंने दोनों जिला कमेटियों को भंग कर दिया है. अब नये सिरे से दार्जिलिंग जिला कमेटी का भी गठन किया जायेगा. माना जा रहा है कि इस बार जिला कमेटी से जिला अध्यक्ष रंजन सरकार, कृष्णचन्द्र पाल सहित कई दिग्गजों की छुट्टी हो सकती है.
ममता बनर्जी वाइचुंग भुटिया द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई करेंगी. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वाइचुंग भुटिया ने जिले के कई शीर्ष नेताओं को अपनी हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ममता बनर्जी से इसकी शिकायत की है. यहां यह भी बता दें कि वाइचुंग भुटिया पहले ही अपने कई नेताओं पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस पार्षदों के कई वार्डों में ही कम वोट मिलने की वजह से ही उनकी हार हुई है.
इस बीच, वाइचुंग भुटिया ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी को क्या कहा है, इसको लेकर सभी जिला नेता कयास लगाने में जुटे हुए हैं. रंजन सरकार तथा कृष्णचन्द्र पाल आदि नेता यह मान कर चल रहे हैं कि उनके ऊपर तृणमूल सुप्रीमो की गाज गिरेगी. यही वजह है कि यह लोग वाइचुंग भुटिया की रिपोर्ट को लेकर कुछ भी खुल कर नहीं कह रहे हैं. माना जा रहा है कि वाइचुंग भुटिया ने अपनी रिपोर्ट में दो-एक नेताओं को छोड़कर अधिकांश नेताओं को माना जा रहा है कि वाइचुंग भुटिया ने अपनी रिपोर्ट में दो-एक नेताओं को छोड़कर अधिकांश नेताओं को लपेटे में ले लिया है.इधर, सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस नेताओं का भविष्य क्या होगा, यह काफी कुछ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निर्भर करता है. ममता बनर्जी इस महीने की 25 तारीख को उत्तर बंगाल के दौरे पर आ रही हैं. वह 25 और 26 तारीख को अलीपुरद्वार तथा ज वह 25 और 26 तारीख को अलीपुरद्वार तथा जलपाईगुड़ी में रहेंगी. माना जा रहा है कि इसी दौरान वह सिलीगुड़ी तथा दार्जिलिंग जिले में पार्टी की जिला कमेटी को लेकर कोई निर्णय लेंगी. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ममता बनर्जी की इस दौरे के दौरान वाइचुंग भुटिया उनसे मिलेंगे. उम्मीद है कि 25 जून को ही जिले में पार्टी के भविष्य को लेकर ममता बनर्जी कोई न कोई फैसला ले लेंगी.
वाइचुंग और अन्य नेताओं के बीच बढ़ी दूरी : ममता बनर्जी को रिपोर्ट सौंपने के बाद वाइचुंग भुटिया तथा जिले के अन्य तृणमूल नेताओं के बीच दूरी काफी बढ़ गई है. जिले के तमाम बड़े नेताओं ने वाइचुंग भुटिया से किनारा कर लिया है. पिछले सप्ताह जब वाइचुंग भुटिया सिलीगुड़ी आये थे तो प्रतुल चक्रवर्ती तथा मदन भट्टाचार्य को छोड़ कर कोई बड़ा नाम उनके साथ नहीं दिखा था. वाइचुंग ने ही तृणमूल पार्टी कार्यालय में जिला कमेटी को भंग करने की जानकारी दी.
रवीन्द्रनाथ घोष से नहीं मिले रंजन सरकार : उत्तर बंगाल विकास मंत्री बनने के बाद पहली बार जब नाटाबाड़ी के विधायक रवीन्द्रनाथ घोष सिलीगुड़ी आये तो वाइचुंग भुटिया के साथ तो उनकी मुलाकात हुई, लेकिन जिला अध्यक्ष रंजन सरकार से उनकी मुलाकात नहीं हुई. उत्तरकन्या जाकर वाइचुंग भुटिया तथा कृष्णचन्द्र पाल सहित कई तृणमूल नेताओं ने श्री घोष से मुलाकात की लेकिन रंजन सरकार कहीं नहीं दिखे.

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