राज्य सरकार ने जमीन खाली कराने का आश्वासन दिया है. अंडरपास बनाने की वजह से छह महीने तक यहां आवाजाही बंद रखनी पड़ेगी. यदि सबकुछ ठीक रहा तो 2017 के अंत तक अंडरपास के बन जाने की संभावना है. यहां उल्लेखनीय है कि रथबाड़ी इलाके में जाम की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है. प्रतिदिन कम से कम 42 जोड़ी यात्री ट्रेन तथा 20 जोड़ी मालगाड़ियों की आवाजाही रथबाड़ी इलाके में बने रेलवे लाइन से होती है. इसी वजह से यहां हमेशा ही गेट बंद होने की वजह से जाम की समस्या बनी रहती है. यहां से जाम की समस्या दूर करने के लिए 1982 में ही तत्कालीन रेल मंत्री अब्दुल गनीखान चौधरी ने फ्लाइओवर बनाने का निर्णय लिया था. लेकिन फ्लाइओवर बनने के बाद भी जाम की समस्या तस की तस बनी रही. दूर आने-जाने वाली गाड़ियां भले ही फ्लाइओवर होकर निकल जाती है, लेकिन आम लोग तथा मोटरसाइकिल एवं अन्य छोटे वाहन वाले लेबल क्रॉसिंग होकर ही आते-जाते हैं. इसी वजह से जाम की समस्या बनी रहती है.
इसके अलावा वर्ष 2002 में गंगा कटाव में अपना घर गंवाने वाले सैकड़ों परिवार इसी इलाके में रेलवे की जमीन कब्जा कर घर बनाकर रह रहे हैं. इसकी वजह से रथबाड़ी इलाके में अंडरपास बनाने की मांग काफी दिनों से की जा रही थी. सभी राजनीतिक दल इसको लेकर आंदोलन कर चुके हैं. इस संबंध में इंगलिश बाजार नगरपालिका के चेयरमैन कृष्णेन्दु चौधरी ने बताया है कि अंडरपास बनाने के लिए नगरपालिका की ओर से रेलवे को नो अब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे दिया गया है.
अब काम कब शुरू होगा इस मामले में वह कुछ नहीं बता सकते. डीआरएम मोहित सिन्हा ने आगे कहा कि रेल यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है. परिणाम स्वरूप ट्रेनों की संख्या भी बढ़ायी गई है. रेल मंत्रालय ने अगले तीन सालों में सभी अनमेंड लेबल क्रॉसिंग को खत्म करने का निर्णय लिया है. मालदा जिले में ऐसे अधिकांश लेबल क्रॉसिगों को खत्म कर दिया गया है. दो-एक जगह ही ऐसे लेबल क्रॉसिंग हैं. यहां भी अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया है.