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हर तरफ है एग्जिट पोल का इंतजार
सिलीगुड़ी. सोमवार को पांचों राज्यों में मतदान कार्य संपन्न हो जायेगा, जिसके बाद शाम तक एग्जिट पोल के नतीजे मीडिया दिखा सकेगा. पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण का मतदान 5 मई को ही निपट गया था. तभी से लोग नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. वैसे आधिकारिक नतीजे 19 मई को घोषित होने है, लेकिन […]
सिलीगुड़ी. सोमवार को पांचों राज्यों में मतदान कार्य संपन्न हो जायेगा, जिसके बाद शाम तक एग्जिट पोल के नतीजे मीडिया दिखा सकेगा. पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण का मतदान 5 मई को ही निपट गया था. तभी से लोग नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. वैसे आधिकारिक नतीजे 19 मई को घोषित होने है, लेकिन लोग उससे पहले सोमवार को आनेवाले एग्जिट पोल का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
रविवार की छुट्टी के दिन सिलीगुड़ी में माहौल सुनसान रहता है. लेकिन छुट्टी के दिन गली-मोहल्ले की अड्डेबाजी में चुनाव के नतीजों पर ही चर्चा होती दिखी. सबके अपने-अपने अनुमान हैं. कोई तृणमूल को दो-तिहाई बहुमत दिलवा रहा है, तो कोई सीपीएम-कांग्रेस गंठजोड़ की सत्ता में वापसी करवा रहा है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मुकाबले कांटा का है, कुछ भी कहना मुश्किल है. शायद एग्जिट पोल से कुछ तसवीर साफ हो.
वैसे चुनाव की घोषणा से पहले सभी का यही मानना था कि तृणमूल कांग्रेस ही सत्ता में आयेगी. लेकिन जब कांग्रेस और माकपा के बीच गंठबंधन हुआ, तो गंठबंधन के सत्ता में आने की सम्भावना 40 प्रतिशत तक दिखायी देने लगी. लेकिन चुनाव से ठीक पहले नारद नामक एक संवाद माध्यम ने तृणमूल को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया. नारद कांड का क्या असर हुआ, यह पक्के तौर पर 19 मई को ही पता चलेगा. इधर सिलीगुड़ी में माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य द्वारा सिलीगुड़ी नगर निगम और सिलीगुड़ी महकमा परिषद तृणमूल से छीनकर हथियाने का कारनामा पूरे राज्य में असरदार सिद्ध होता दिख रहा है.
सूत्रों की माने तो चुनाव घोषणा से पहले माकपा ने बहुत ठंडे रूप से चुनाव में हिस्सा लेने का मन बनाया था. फिर माकपा-कांग्रेस गंठबंधन और उसके बाद नारद कांड से स्थिति में कुछ बदलाव दिखते ही नेताओं में जोश आना शुरू हो गया. दूसरे चरण का मतदान समाप्त होते ही हवा तृणमूल के विमुख बहने लगी. हवा ने ऐसा रुख मोड़ा कि घर बैठे माकपा के कई वरिष्ठ नेता घर से निकलकर मंच पर गरजने लगे. तीसरे चरण के मतदान तक माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य मंच पर दिखायी देने लगे. दक्षिण बंगाल में दीदी की तूती बोलती है. तीसरे चरण के मतदान के बाद उधर का भी माहौल काफी बदला हुआ नजर आ रहा है. तीसरे चरण के बाद दीदी की धमकियां और प्रशासन का बदला मिजाज सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ ही दिख रहा है.
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