उसके बाद भी पार्टी उनको टिकट देती है, तो वह सभी उनके लिए काम नहीं करेंगे. कुछ इसी तरह की चेतावनी गठबंधन के शरीक दल माकपा ने भी दी है. माकपा नेताओं का कहना है कि मानिकचक सीट से किसी हेवीवेट उम्मीदवार को मैदान में उतारना होगा. ऐसा नहीं होने पर वह लोग भी चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के लिए काम नहीं करेंगे. दोनों ही पार्टियों के नेता अपने कर्मियों के इस विद्रोही तेवर को देखकर शीर्ष नेतृत्व से संपर्क करने में जुट गये हैं. मानिकचक सीट माकपा ने कांग्रेस के लिए छोड़ दी है. माकपा शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस से दमदार उम्मीदवार उतारने के लिए कह रही है, ताकि चुनाव में इस सीट से तृणमूल उम्मीदवार तथा मंत्री सावित्री मित्रा को कड़ी टक्कर दी जा सके. कई माकपा नेताओं का कहना है कि सावित्री मित्रा को हराने के लिए ही पार्टी ने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी है.
रविवार को इस मुद्दे को लेकर मानिकचक विधानसभा क्षेत्र के 14 ग्राम पंचायतों के नेताताओं एवं समर्थकों ने कांग्रेस के जिला महासचिव जलील शेख के घर एक बैठक की. इस बैठक में अधिकांश लोगों का कहना था कि बाहरी लोगों की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया जायेगा. उसके बाद फैक्स के माध्यम से इस बात की जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी के ही एआईसीसी को भी दे दी गई. जिला महासचिव जलील शेख का कहना है कि अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं होने से वह स्वयं भी आश्चर्यचकित हैं. दूसरी तरफ मुश्तकीन आलम ने अपने आप को कांग्रेस उम्मीदवार बताते हुए चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है.
कांग्रेस में उनके विरोधियों का कहना है कि वह इंगलिश बाजार पंचायत समिति में कांग्रेस के विरोधी दल के नेता हैं. उन्हें क्यों मानिकचक से उम्मीदवारी दी जा रही है, यह समझ से परे हैं. जलील शेख का आगे कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी सांसद अबू हासेम खान चौधरी को भी दे दी गई है.
उसके बाद भी यदि मुश्तकीन आलम को उम्मीदवार बनाया जाता है, तो चुनाव में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. दूसरी तरफ माकपा के जिला सचिव अंबर मित्र ने भी मुश्तकीन आलम की उम्मीदवारी का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि यदि मुश्तकीन आलम को उम्मीदवारी दी जाती है, तो माकपा के नेता और कार्यकर्ता उनके समर्थन में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. हालांकि इस मुद्दे को शांत करने के लिए पार्टी के मालदा जिले के प्रभारी श्यामल चक्रवर्ती ने स्थानीय नेताओं से बातचीत भी की है. उसके बाद भी कोई विशेष लाभ नहीं हुआ है. इधर, अंबर मित्र ने यह भी कहा है कि इस मामले को लेकर कोलकाता में दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं. समस्या के समाधान की उम्मीद है.