इस त्योहार में गुड़ के बने मिठाइयों एवं असहाय-गरीबों को जरूरत के सामान दान करने की भी पौराणिक एवं धार्मिक परम्परा रही है. इसी के मद्देनजर सिलीगुड़ी शहर अभी से ही गुड़ से बने मिठाइयों के खूशबू से महक उठा है.
बाजारों में भी रौनक लौट आयी है. घर-घर में जहां महिलाएं गुड़-तिल की मिठाइयां बनाने में व्यस्त है वहीं, शहर के विभिन्न हाट-बाजार भी इन मिठाइयों से पट चुके हैं. लोग इन्हें खरीदने के लिए अभी से ही उमड़ रहे हैं.