सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमिश्नर (सीपी) मनोज वर्मा की पहल पर बीते कई महीनों पहले शुरू किये गये मोबाइल थाना के तहत शुक्रवार को प्रधान नगर थाना की पुलिस ने मोहरगांव गुलमा चाय बागान के श्रमिकों की सुध ली. इसके तहत बागान क्षेत्र के रांची मैदान में एक शिविर लगाया गया. शिविर को संबोधित करते हुए सीपी मनोज वर्मा ने मोबाइल थाना के कार्य-कलापों से स्थानीय लोगों व श्रमिकों को रूबरू कराया.
श्री वर्मा ने कहा कि इस मोबाइल थाने का उद्देश्य दुर्गम गांवों में रहनेवाले ग्रामीणों को केवल आपराधिक मामलों में ही सहयोग करना नहीं है, बल्कि उन्हें हर तरह की सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान कराना है. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अभी भी खाकी वर्दी के विरुद्ध खौफ व्याप्त है. लेकिन आज की पुलिस ब्रिटिशकालीन पुलिस नहीं है, बल्कि आम जनता की भलाई व सहयोग करने वाली पुलिस है. उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस-पब्लिक का रिश्ता दोस्ताना नहीं होगा, तब तक पुलिस भी सही तरीके से अपना काम नहीं कर पायेगी. पुलिस बगैर पब्लिक के सहयोग के अपराधों पर नकेल कभी नहीं कस सकती.
इस शिविर के दौरान श्रमिकों व ग्रामीणों ने श्री वर्मा के सामने कई तरह की समस्याओं को उजागर किया. इन शिकायतों को प्रधान नगर थाने की पुलिस ने नोट किया और श्री वर्मा ने जल्द इनके निपटारे का आश्वासन दिया. शिविर में श्री वर्मा के अलावा पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी (वेस्ट) मानवेन्द्र दास, प्रधान नगर थाने के इंस्पेक्टर शुभाशीष चाकी, सब-इंस्पेक्टर अनिरवन भट्टाचार्य, गुलमा चाय बागान के सहायक प्रबंधक अमृत घोष, अभय कुमार के साथ ही बड़ी संख्या में बागान के श्रमिक व ग्रामीण मौजूद थे.
करीब तीन घंटे तक यह शिविर चला. शिविर में अधिकांश श्रमिक महिलाएं थीं, जो बागान में चाय की पत्तियां तोड़ने का काम करती हैं. बागान का काम ज्यादा प्रभावित न हो, इसके लिए प्रधान नगर थाने के इंस्पेक्टर से जल्द शिविर समाप्त करने की अपील की गयी. प्रबंधन अमृत घोष ने कहा कि काम जरूर प्रभावित हुआ है, लेकिन सरकारी काम की वजह से बागान प्रबंधन कुछ कर नहीं सकता. वैसे भी यह शिविर श्रमिकों व ग्रामीणों के हित में ही लगाया गया है. श्री घोष ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों से शाम चार बजे के बाद या फिर साप्ताहिक छुट्टी के दिन शिविर लगाने की अपील की थी. लेकिन बागान के रांची मैदान में दिन के 12 बजे प्रधान नगर पुलिस ने शिविर का समय रखा. हालांकि किसी कारणवश शिविर पौने एक बजे शुरू हो पाया. शिविर में शामिल होने के लिए श्रमिकों ने बागान का काम-काज छोड़कर 11.30 बजे से ही रांची मैदान में जुटना शुरू कर दिया था.