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चिटफंड विधेयक कमजोर, कठोर सजा का प्रावधान नहीं

सिलीगुड़ी: विधान सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसने के लिए जो विधेयक लाया और उसे पास करवाया, उसका उद्देश्य तो अच्छा है. लेकिन उसमें काफी जटिलता है. यह बिल प्रभावी नहीं है. इसमें कई खामी है. संवैधानिक नियमों की अवहेलना की गयी है. कंपनियों को लाभ पहुंचान के लिए यह […]

सिलीगुड़ी: विधान सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसने के लिए जो विधेयक लाया और उसे पास करवाया, उसका उद्देश्य तो अच्छा है. लेकिन उसमें काफी जटिलता है. यह बिल प्रभावी नहीं है.

इसमें कई खामी है. संवैधानिक नियमों की अवहेलना की गयी है. कंपनियों को लाभ पहुंचान के लिए यह बिल लाया गया है. श्यामल सेन कमेटी चिटफंड कंपनियों को लेकर कितना भी जांच करेगी. रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी और यह बिल कंपनियों को राहत मिलेगी. यह कहना है कांग्रेस के राज्य महासचिव मो. सोहराब का. वें सोमवार को पत्रकारों से मुखातिब थे.

मो.सोहराब ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी झूठ बोल रही है. वह कहती है कि सारधा के विषय में उसे पहले से कुछ पता नहीं है. जबकि पिछले एक साल से केंद्रीय जांच कमेटी, सेबी, आरबीआई बैंकर्स एसोसिएशन ने कई बार उन्हें आगाह किया किया कि सारधा लोगों को ठग रही है.

बैंकर्स एसोसिएशन की एक बैठक में स्वयं अमित मित्र, जो इस कार्यक्रम में चेयरमैन थे. स्वीकार किया था कि सारधा ग्रुप में काफी कुछ गलत हो रहा है. अनियमितता है. इतना जानने के बाद तृणमूल चादर के भीतर मलाई खाती रही. जिला अध्यक्ष शंकर मालाकार ने कहा कि विपक्ष में रहकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 49 बार सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. लेकिन 30 हजार करोड़ की इस लूट में वह सीबीआई जांच से हट रही है. इसलिए कि इस लूट में उसके विधायक और मंत्री जुड़े हुये है.

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