गोजमुमो ने जीटीए के काम-काज में राज्य सरकार पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए अपने तीनों विधायकों के इस्तीफा देने का एलान पहले ही कर दिया है. इस वजह से ममता बनर्जी और बिमल गुरुंग के बीच खायी लगातार बढ़ती जा रही है. अब इस खायी के भरने की संभावना दूर-दूर तक नहीं है, क्योंकि कार्सियांग में आज प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के कैंपस के लिए हो रहे शिलान्यास समारोह में बिमल गुरुंग सहित जीटीए के किसी भी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया है. ममता बनर्जी के आज के कार्यक्रम में जीटीए के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं करने को लेकर गोजमुमो का पारा चढ़ा हुआ है.
इसको लेकर गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने आज से सभी सरकारी कार्यक्रमों के बहिष्कार का एलान कर दिया है. गोजमुमो के अन्य नेता भी राज्य सरकार के इस रवैये से काफी नाराज हैं. गोजमुमो नेताओं का कहना है कि पूरा दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र जीटीए के अधीन है और यहां किसी भी सरकारी कार्यक्रम में जीटीए के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं करना न केवल अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन है, बल्कि गोजमुमो नेताओं का अपमान भी है. गोजमुमो के उपाध्यक्ष रोशन गिरि ने कहा है कि राज्य सरकार जीटीए के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रही है. इससे जीटीए का काम-काज प्रभावित हो रहा है. इस बीच, गोजमुमो द्वारा अब से किसी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के एलान के बाद दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की राजनीति में हलचल है. गोजमुमो ने कार्सियांग में प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के कैंपस निर्माण का भी विरोध किया है. गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग का कहना है कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की बातचीत चल रही है. केंद्र सरकार ने इस विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर पहले ही हरी झंडी दे दी है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा अपने अधीन विश्वविद्यालय के कार्सियांग में कैंपस के निर्माण का कोई औचित्य नहीं है.
स्वाभाविक तौर पर दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में दोनों दलों के बीच बढ़ी इस दूरी को लेकर आम लोग आशंकित हैं. यहां एक बार फिर से अलग गोरखालैंड राज्य के निर्माण को लेकर आंदोलन की सुगबुगाहट से आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ने की संभावना है. इस बीच, गोजमुुमो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी के वर्तमान पहाड़ दौरे के दौरान गोजमुमो के तमाम बड़े नेता उनसे दूरी बनाकर रखेंगे. ममता बनर्जी के इस तीन दिवसीय सफर के दौरान गोजमुमो के किसी भी नेता के मुख्यमंत्री से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है.