करीब पांच लाख रुपये की रकम संबंधित दस्तावेज उन्होंने कूचबिहार के रिजनल कैंसर सेंटर के प्रमुख उदयन गुहा के हाथों सौंप दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंजलि मुखर्जी के पति चंडीदास मुखर्जी का निधन करीब 12 वर्षो पहले हो गया है.
उनके बेटे रूपक मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता पेशे से व्यवसायी थे. वह जब तक जीवित रहे, तब तक मासिक बचत योजना के तहत अपनी कमायी का एक तिहायी हिस्सा समाज सेवा के लिए जमा करवाते थे, जबकि दो तिहायी हिस्सा वह अपने परिवार के लिए रखते थे. उन्होंने अपने जीवित रहते ही कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए अपनी कमायी का एक तिहायी हिस्सा रिजनल कैंसर सेंटर को देने का निर्णय लिया था. उन्होंने उनकी माता के साथ ही रिजनल कैंसर सेंटर को भी अपने बचत खाते में उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. उनके पिता के निधन के 12 वर्षो बाद यह रकम करीब पांच लाख रुपये हुई है. इस रकम से संबंधित सभी दस्तावेज उनकी मां ने उदयन मुखर्जी को सौंप दिया है.
इस मुद्दे पर अंजलि मुखर्जी ने बड़े ही भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पति की इच्छा का सम्मान किया और आज उनकी इच्छा को पूर्ण करने में उन्हें काफी खुशी हो रही है. आज इस अवसर पर सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य तथा एमआइसी जय चक्रवर्ती भी उपस्थित थे.