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मेयर-मंत्री जंग थमने के आसार नहीं

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गौतम देव के बीच पिछले महीने से जारी जंग के फिलहाल थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ मोरचा खोल दिया है और विभिन्न मुद्दों पर दोनों के […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गौतम देव के बीच पिछले महीने से जारी जंग के फिलहाल थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ मोरचा खोल दिया है और विभिन्न मुद्दों पर दोनों के बीच ही बयानबाजी जारी है. ऐसी परिस्थिति में सिलीगुड़ी के आम लोग नगर निगम के काम-काज के प्रभावित होने की आशंका जता रहे हैं. मंत्री और मेयर के बीच विवाद की शुरूआत पिछले महीने हुई. सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 10 स्थित सूर्यसेन पार्क में ट्वाय ट्रेन के उद्घाटन समारोह को लेकर दोनों आपस में भिड़ गये. उसके बाद से अब तक दोनों के बीच ही किन्हीं न किन्हीं मुद्दों पर विवाद जारी है.

सूर्यसेन पार्क में 2.53 करोड़ रुपये की लागत से ट्वाय ट्रेन की शुरूआत की गई है. उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय की ओर से उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय की ओर से यह धनराशि दी गई है. पिछले महीने बड़े ही तामझाम के साथ उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने ट्वाय ट्रेन का उद्घाटन कर दिया. इस उद्घाटन समारोह में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य सहित वाम मोरचा के किसी भी नेता को आमंत्रित नहीं किया गया. तब उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव का कहना था कि उद्घाटन समारोह में किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया. अखबार में विज्ञापन देकर इसकी जानकारी आम लोगों को दी गई और जो लोग समारोह में आये, उनका स्वागत किया गया. दूसरी तरफ मेयर अशोक भट्टाचार्य ने उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव पर अपमानित करने का आरोप लगाया. उद्घाटन समारोह के अगले दिन वह सूर्यसेन पार्क के सामने कई माकपा नेताओं को लेकर धरने पर भी बैठे. यह विवाद अभी थमा नहीं था कि दोनों नेता डंपिंग ग्राउंड को लेकर एक बार फिर से आपस में भिड़ गये.

गौतम देव कई बार डंपिंग ग्राउंड का दौरा करने गये और कचरे को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम की आलोचना की. उन्होंने डंपिंग ग्राउंड इलाके में ठीक से कचरा प्रबंधन नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की भी धमकी दी. जवाबी कार्रवाई में अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि सूर्यसेन पार्क तथा डंपिंग ग्राउंड सिलीगुड़ी नगर निगम की संपत्ति है और इसमें उत्तर बंगाल विकास मंत्री को कोई दखल नहीं देना चाहिए. इसके अलावा कल रविवार को उत्तर बंगाल विकास मंत्री ने एक बार फिर से सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशाोक भट्टाचार्य के खिलाफ मोरचा खोला. उन्होंने कहा है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के चुनाव से पहले वाम मोरचा ने जो आश्वासन दिया था, उसे पूरा नहीं करने की स्थिति में तृणमूल कांग्रेस आंदोलन करेगी. गौतम देव ने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम का काम-काज पूरी तरह से ठप है. उन्होंने दुर्गा पूजा के बाद तृणमूल कांग्रेस की ओर से आंदोलन किये जाने की धमकी दी है. ऐसी परिस्थिति में स्वाभाविक तौर पर सिलीगुड़ी के आम लोगों के बीच नगर निगम के काम-काज को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं. यहां के आम लोगों का कहना है कि मेयर और मंत्री यदि इसी तरह से आपस में भिड़े रहे, तो स्वाभाविक तौर पर सिलीगुड़ी नगर निगम का काम-काज प्रभावित होगा. दूसरी तरफ मेयर और मंत्री के बीच जारी इस विवाद में कांग्रेस नेता तथा माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शंकर मालाकार का कहना है कि मंत्री और मेयर मीडिया में बने रहने के लिए इस तरह की हरकतें कर रहे हैं. यह सब सिर्फ प्रचार का हथकंडा भर है. श्री मालाकार ने कहा कि दोनों को सिलीगुड़ी के विकास से कोई लेना-देना नहीं है. यदि यह लोग सिलीगुड़ी का विकास चाहते हैं, तो दोनों को मिलकर काम करना चाहिए था. ऐसा नहीं कर दोनों ही नेता मीडिया में बने रहने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.

पहले भी नहीं थे अच्छे संबंध
उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव तथा माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य के बीच शुरू से ही संबंध खराब रहे हैं. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में सिलीगुड़ी सीट से अशोक भट्टाचार्य के हारने के बाद से ही गौतम देव कभी भी उनको लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर रहे थे. अशोक भट्टाचार्य के बारे में जब भी उनसे कुछ पूछा जाता, तो वह साफ कहते कि अशोक भट्टाचार्य न तो विधायक हैं और न ही अपनी पार्टी में किसी बड़े पद पर हैं. ऐसे में वह किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे. हाल में संपन्न नगर निगम चुनाव तक गौतम देव अपनी इसी नीति पर बने रहे. नगर निगम चुनाव में अशोक भट्टाचार्य न जीत सकें, इसकी तमाम कोशिशें की गई. गौतम देव वार्ड नंबर 6 में प्रचार में डटे रहे थे.
क्या है परिस्थिति
सिलीगुड़ी नगर निगम में वाम मोरचा का कब्जा है. 47 सदस्यीय नगर निगम में वाम मोरचा ने एक निर्दलीय पार्षद की मदद से बोर्ड का गठन किया है. तृणमूल कांग्रेस के पास 17 सीटें हैं. कांग्रेस के खाते में 4 तथा भाजपा के खाते में 2 सीटें हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में करारी हार के बाद से गौतम देव अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं.

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