सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महकमा परिषद अधीनस्थ सरकारी रूप से चिह्न्ति ग्रामीण इलाकों के तीन भाग में से एक भाग हिस्से के असहाय लोग सहाय परियोजना की सुविधा भोग रहे हैं. बाकी लोगों को इस परियोजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. भूखमरी से जूझ रहे असहाय लोगों की सहायता के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा निर्वाचित कोई प्रतिनिधि नहीं रहने के कारण सरकारी परियोजनाओं को कारगर करने के लिए किसी को कोई जल्दी नहीं है. वर्ष 2009 में सरकारी समीक्षा के तहत महकमा के चार ब्लॉकों में 1686 जरूरतमंद लोगों को चिह्न्ति किया गया था. उस दौरान सहाय परियोजना चालू कर इनलोगों को खाना पका कर खिलाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन वर्तमान में 1686 लोगों के बजाय 644 लोग इस सुविधा को भोग रहे हैं.
जबकि गांव के कई लोग अभी भी भूखे पेट दिन गुजार रहे हैं. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीकुमार भुशाल ने बताया कि भूखमरी व अर्धाहार में दिन गुहार रहे हैं. इस तरह की लोगों के बारे में जानकारी मिलने से उन्हें सहाय परियोजना के अधीन में लाया जायेगा. महकमा प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, असहाय लोगों को चिह्न्ति करने के लिए वर्ष 2009 में चलाये गये समीक्षा के दौरान खोरीबाड़ी ब्लॉक में 266, माटीगाड़ा ब्लॉक में 235, नक्सलबाड़ी ब्लॉक में 356, फांसीदेवा ब्लॉक में 829 असहाय लोगों को चिह्न्ति किया गया था. इसके बाद और कोई समीक्षा नहीं की गयी. चिह्न्ति असहाय लोगों को तीन सालों तक परियोजना का लाभ मिला, लेकिन बाद में उपभोक्ताओं की संख्या में कमी आती गयी.
वर्तमान में फांसीदेवा ब्लॉक में 565, नक्सलबाड़ी ब्लॉक में 79 उपभोक्ताओं को इस परियोजना का लाभ मिल रहा है. इस परियोजना के तहत संबंधित विभाग की ओर से प्रत्येक असहाय लोगों के लिए 20 रुपये आवंटित किया जाता है. इस रुपये से स्थानीय स्वनिर्भर दल व स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से उपभोक्ताओं को दो जून का खाना बना कर खिलाया जाता है. आम तौर पर स्थानीय जन प्रतिनिधि ही असहाय लोगों को चिह्न्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका का पालन करते हैं, लेकिन सिलीगुड़ी महकमा परिषद में काफी दिनों से जनप्रतिनिध नहीं रहने के कारण उपभोक्ता इस परियोजना की सुविधा से वंचित हो रहे हैं. खोरीबाड़ी ब्लॉक में कई लोग असहाय होने के बावजूद वर्तमान में खोरीबाड़ी से यह परियोजना पूरी तरह से खत्म हो गया है. माटीगाड़ा ब्लॉक में भी सहाय परियोजना बंद पड़ा है. विभिन्न संगठनों की ओर से नये सिरे से समीक्षा चला कर असहाय लोगों को चिह्न्ति कर परियोजना की सुविधा मुहैया करानी चाहिए.