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उत्तर बंगाल : भारी बारिश से तीस्ता उफान पर, डुडुआ ने भी मचायी तबाही, बाढ़ की आशंका, रेड अलर्ट

उत्तर बंगाल में भारी बारिश सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी : सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में पिछले कुछ दिनों से जारी झमाझम बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. उत्तर बंगाल के डुवार्स इलाके में पिछले पांच दिनों से बारिश जारी है. इसके साथ ही दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में भी जमकर बारिश हो रही है. सिलीगुड़ी […]

उत्तर बंगाल में भारी बारिश
सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी : सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में पिछले कुछ दिनों से जारी झमाझम बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. उत्तर बंगाल के डुवार्स इलाके में पिछले पांच दिनों से बारिश जारी है. इसके साथ ही दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में भी जमकर बारिश हो रही है. सिलीगुड़ी में भी गुरुवार की रात से ही लगातार बारिश जारी है. दिन भर बूंदा-बांदी के कारण आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सिलीगुड़ी की सड़कें शुक्रवार को सुनसान थीं.
बैरेज से छोड़ा पानी : तीस्ता नदी में पानी की उफान की वजह से गाजलडोबा बैरेज से पानी छोड़ा गया है. इधर, फालाकाटा इलाके में डुडुआ नदी ने भी भारी तबाही मचायी है. यह नदी पूरे उफान पर है. फालाकाटा ब्लॉक के मालगांव व प्रमोद नगर इलाके के निवासी डुडुआ नदी के इस रूप को देखकर आतंकित हैं. दोनों ही गांव के लोगों ने अपना घर-बार छोड़ दिया है. जब कभी भी इनके घरों के नदी के गर्भ में समा जाने की आशंका बनी हुई है. पूरे इलाके के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है.
अब तक करीब 10 घर व खेती की जमीन को डुडुआ नदी ने लील लिया है. जो भी लोग गांव में बचे हुए हैं, वे किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. दूसरी तरफ गांव में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने घर में ही रहना चाहते हैं. इन लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इसी गांव में गुजारी है. मरना-जीना इसी गांव में होगा. स्थानीय पंचायत की ओर से ग्रामवासियों को निकालने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है. हालांकि चिउरा-गुड़ आदि देकर थोड़ी राहत देने की कोशिश की गयी है.
माल गांव के रहनेवाले श्यामल दास का घर डुडुआ नदी के गर्भ में समा गया है. वह अपने परिवार को लेकर किसी दूसरे स्थान पर बसना चाह रहे हैं. उन्होंने बताया है कि वह फालाकाटा इलाके में किसी दूसरे स्थान पर अपने परिवार को लेकर बस जायेंगे. यहां नदी कटाव की जो स्थिति है उससे बच पाना संभव नहीं है. नदी में डूब कर मरने से अच्छा है कि परिवार सहित कहीं अन्यत्र बसने की कोशिश की जाये. इसी वजह से वह अपने परिवार को लेकर गांव छोड़कर जा रहे हैं.
इधर, सुनीता बर्मन का घर भी नदी ने लील लिया है. वह अपने एक रिश्तेदार के घर में शरण लेकर रह रही है. उन्होंने बताया कि लगातार चार दिनों की बारिश की वजह से डुडुआ नदी ने उनके घर को लील लिया. इसलिए वह अब अपने एक रिश्तेदार के घर में रह रही है. प्रमोद नगर के निवासी दधीराम बर्मन ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चार-पांच वर्षो से इस इलाके में नदी का कटाव जारी है.
कई बार प्रशासन को इस बात की खबर दी गयी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. खेती की जमीन के साथ ही आम लोगों का घर भी नदी के गर्भ में समा गया है. ऐसे लोगों की संख्या यहां काफी है. माल गांव तथा प्रमोद नगर के काफी लोग डुडुआ नदी में अपना सर्वस्व गंवा चुके हैं. माल गांव के परेश दास की करीब 12 बीघा जमीन डुडुआ नदी में समा गया है.

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