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असम जानेवाले यात्रियों में खौफ
कई दिनों से बसों की आवाजाही बंद सिलीगुड़ी में असम बस स्टैंडों में छायी वीरानी बिहार से आनेवाले यात्राी परेशान सिलीगुड़ी : असम के कोकराझार, चिरांग और सोनीतपुर जिले में बोडो उग्रवादियों द्वारा आदिवासियों पर हमले की घटना के बाद से हर तरफ खौफ का माहौल है. उग्रवादी हमले में 70 से भी अधिक आदिवासी […]
कई दिनों से बसों की आवाजाही बंद
सिलीगुड़ी में असम बस स्टैंडों में छायी वीरानी
बिहार से आनेवाले यात्राी परेशान
सिलीगुड़ी : असम के कोकराझार, चिरांग और सोनीतपुर जिले में बोडो उग्रवादियों द्वारा आदिवासियों पर हमले की घटना के बाद से हर तरफ खौफ का माहौल है. उग्रवादी हमले में 70 से भी अधिक आदिवासी मारे गये हैं. इस हमले का असर सिर्फ असम में ही नहीं, बल्कि सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में देखा जा रहा है.
सिलीगुड़ी से असम जानेवाले यात्राियों में भारी खौफ है. इस घटना के बाद से ही सिलीगुड़ी व असम के बीच यात्राी बसों की आवाजाही बंद है. सिलीगुड़ी में असम की ओर जाने वालीं बसों के विभिन्न स्टैंडों में वीरानी छायी हुई है. पिछले चार-पांच दिनों से सिलीगुड़ी से असम के विभिन्न स्थानों पर बसों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. इक्का-दुक्का बस भी बड़ी मुश्किल से आ-जा रही हैं.
यहां गौरतलब है कि सिलीगुड़ी से असम के गुवाहाटी, तेजपुर, डिब्रूगढ़ आदि के अलावा मेघालय के शिलांग के लिए हर दिन ही 10 से 12 बसों की आवाजाही होती है. न केवल सिलीगुड़ी व उत्तर बंगाल के लोग, बल्कि बिहार और झारखंड से भी काफी संख्या में लोग असम जाते हैं. बिहार के कटिहार, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, छपरा, गोपालगंज, मोतीहारी, समस्तीपुर आदि इलाके के काफी लोग असम के विभिन्न स्थानों पर कोई न कोई काम करते हैं. पहले यह लोग सिलीगुड़ी आते हैं और उसके बाद सिलीगुड़ी से बस द्वारा असम के विभिन्न स्थानों पर चले जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक हर दिन ही करीब 700 से लेकर 1000 लोगों की आवाजाही सिलीगुड़ी और असम के बीच होती है. इन दिनों असम में हुई हिंसा के बाद असम से भी सिलीगुड़ी की ओर बसों का आना बंद है. जो एक-दो बसें आ रही हैं, वे काफी देरी से आ रही हैं.
गुरुवार को गुवाहाटी से सिर्फ एक बस सिलीगुड़ी आयी. इस बस को सुबह के 6 से 7 बजे के बीच सिलीगुड़ी पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन यह बस रात के करीब 9.30 बजे सिलीगुड़ी पहुंची. इससे सिलीगुड़ी से बिहार की ओर सफर करनेवाले यात्राियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बस के सिलीगुड़ी में देरी से पहुंचने के कारण बिहार की ओर यात्राा करनेवाले आगे नहीं जा सके. इन लोगों को सिलीगुड़ी के ही विभिन्न होटलों में रात गुजारनी पड़ी.
क्या कहते हैं बस ऑपरेटर
सिलीगुड़ी और असम के बीच बस सेवा प्रदान करनेवाले एक प्रमुख बस ऑपरेटर काजल मित्र ने बताया है कि असम में हिंसा की घटना के बाद से ही बस के कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है. यात्राी असम यात्रा से कतरा रहे हैं. इतना ही नहीं, जो थोड़े बहुत यात्राी आवाजाही कर रहे हैं, वे भी काफी परेशान हैं. बसों की आवाजाही की स्थिति सामान्य बनाने की दिशा में सरकार की ओर से भी अब तक किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की जा रही है.
इधर, आइएनटीटीयूसी के 18 नंबर यूनिट के अध्यक्ष सुजीत राय ने असम में उग्रवादी हमले की निंदा की है. उन्होंने भी बताया है कि सिलीगुड़ी तथा असम के विभिन्न स्थानों पर बस सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है. बसों की आवाजाही बंद होने से इस व्यवसाय से जुड़े लोग भी प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि अकेले सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके से ही हर दिन ही काफी संख्या में यात्राी असम की ओर रवाना होते थे. उग्रवादी हमले के बाद से बस यात्रियों में भी भय का माहौल है. असम-बंगाल सीमाप् ार तक कई स्थानों पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये हैं.
के बाद भी यात्रियों में भरोसा पैदा नहीं हो रहा है. यही कारण है कि असम जाने वाले यात्राी बस के बजाय ट्रेनों से यात्रा करना पसंद कर रहे हैं. श्री राय ने कहा कि अभी स्थिति के सामान्य होने में और भी कई दिन लगने की संभावना है.
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