मालदा: वैष्णवनगर थाना क्षेत्र के भांगाटोला से पारलालपुर गांव गंगा नदी के तेज कटाव के चपेट में हैं. हाल ही में तीन किलोमीटर मिट्टी का बांध नदी में समा गया है. बटतला गांव को गंगा ने निगल लिया है.
इस गांव के 40 परिवार बेघर हो गये हैं. सभी अपने-अपने रिश्तेदारों के घर आश्रय लिये हैं. आज कालियाचक के पूर्व माकपा विधायक विश्वनाथ घोष भूटभूटी नाव पर सवार होकर भांगाटोला खेजुरिया टाउनशिप मोड़ से 18 किलोमीटर क्षतिग्रस्त इलाकों का जायजा लिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि 15 दिनों से गंगा नदी का कटाव जारी है.
अगर गंगा शांत नहीं हुई तो स्थिति और विकराल रूप धारण कर लेगी. प्रशासन की ओर से कोई तत्परता नहीं की जा रही है. प्रशासनिक अधिकारी जायजा लेने भी नहीं आते हैं. सबसे खराब स्थिति अनुपनगर गांव की है. शोभापुर ग्राम पंचायत के माकपा प्रधान माया सरकार ने बताया कि मुर्शिदाबाद के धुलियान शहर को बचाने के लिए इस पार से बोरे में भर कर मिट्टी ले जाया जा रहा है, लेकिन यहां पर कटाव के रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. पंचायत की ओर से बीडीओ को जानकारी दी गयी है. जिला शासक को भी अवगत कराय गया है. सिंचाई दफ्तर में भी खबर दी गयी है.
बाढ़ के आतंक से लोग रातों को सो नहीं पा रहे हैं. 17 मौजों के करीब डेढ़ लाख लोग गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहते हैं. भांगाटोला गांव के निकट स्थित पक्की सड़क नदी गर्भ में समा जाने से पारदेवनापुर-शोभपुर ग्राम पंचायत समेत 17 मौजों के बीच संपर्क कट जायेगा. गंगा कटाव प्रतिरोध कमेटी के सचिव आसिफ ईकबाल ने बताया कि 1998 से यहां हर साल वर्षा में गंगा नदी का तट कटाव होता है. फाराक्का बैरेज प्रबंधन के पास कटाव रोकने के लिए बांध निर्माण करने की गुहार लगायी गयी, लेकिन फराक्का बैरेज प्रबंधन का कहना है कि उनके पास धनराशि नहीं है. मालदा सिंचाई दफ्तर के कार्यकारी इंजीनियर अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि गंगा नदी का पानी लाल संकेत से काफी नीचे है. नदी के आसपास कुछ इलाकों में कटाव होने की खबर मिली है. नदी का कटाव रोकना फराक्का प्रबंधन का काम है. अगर फराक्का बैरेज चुपचाप है, तो हम क्या कर सकते हैं.