गृहिणी ने चारदीवारी पर चलते हुए देखा तेंदुए की तरह का जंतु
आरोप : जानकारी देने के बावजूद घटनास्थल पर नहीं पहुंचे वनकर्मी
जलपाईगुड़ी : पर्यावरणीय संकट के बीच आजकल वन्य प्राणी शहरों में भी प्रवेश करने लगे हैं. इसी तरह की एक घटना में जलपाईगुड़ी शहर के निवासियों ने तेंदुए को देखने का दावा किया है. इस घटना के बाद से शहर के 15 नंबर वार्ड अंतर्गत पश्चिम कांग्रेसपाड़ा में दहशत है. तेंदुए को देखने का दावा स्थानीय गृहिणी शिप्रा पासवान ने किया है.
इसकी पुष्ट उनकी पड़ोसन ऋ षिका बनिक ने भी की है. दिन दोपहर को शहर में तेंदुए दिखने की खबर मिलते ही शिप्रा पासवान के मकान के सामने उत्सुक लोगों की भीड़ जमा हो गयी. लोग दहशत में हैं. इस बीच आरोप है कि वन विभाग को जानकारी देने के बावजूद खबर लिखे जाने तक घटनास्थल पर वनकर्मी नहीं पहुंचे.
हालांकि पुलिस थाना के सूत्र ने बताया है कि पुलिस की टीम इलाके में भेजी गयी है. वहीं, गोरुमारा वन्य प्राणी डिवीजन की डीएफओ निशा गोस्वामी ने बताया कि वनकर्मियों को इलाके में जाकर खोजबीन करने के लिये कहा गया है. हालांकि इसकी पुष्टि स्थानीय लोगों ने नहीं की है.
शिप्रा पासवान ने बताया कि उन्होंने सोमवार की दोपहर घर की चारदीवारी पर तेंदुए को चलते हुए देखा. लंबी पूंछ वाला यह डोरेदार पशु कुछ पल बाद ही छलांग लगाकर पड़ोस की ऋ षिका बनिक के घर के आंगन में उतर कर आम के पेड़ पर चढ़ गया. उन्होंने बताया कि इलाके के लोगों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी है.
लेकिन अभी तक वनकर्मी पहुंचे नहीं हैं. लोग डरे हुए हैं. उन्होंने बताया कि घर के बगल में जंगल-झाड़ है. लगता है वह वहीं पर रुका हुआ है. उधर, ऋ षिका बनिक ने बताया कि मकान के छप्पर पर बीच बीच में जंगली बिल्ली के उछलकूद सुनने को मिलता है. लेकिन आज यह कूदफान कुछ ज्यादा ही हुआ है. बाहर निकलने पर उसकी पूंछ देखा. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि वह जंगली बिल्ली है या खटास.
जलाईगुड़ी साइंस एंड नेचर क्लब के सचिव राजा राऊत ने बताया कि शहर से छह किमी की दूरी पर रायपुर समेत कई चाय बागान हैं. इसके पहले शहर के ब्रह्मोत्तरपाड़ा में तीस्ता के कछार से एक गैंडा चला आया था. तीस्ता उद्यान में तेंदुओं के उपद्रव की घटनायें हो चुकी हैं. वन विभाग को अच्छी तरह खोजबीन करनी चाहिये. वहीं, वार्ड-15 की पार्षद संगीता बनर्जी ने बताया कि उन्हें मीडिया से इसकी जानकारी मिली है. वन विभाग को जल्द कदम उठाने चाहिये.
गोरुमारा नेशनल पार्क की डीएफओ निशा गोस्वामी बताया कि जलपाईगुड़ी शहर के इस हिस्से में कोई जंगल नहीं है. पैर की छाप देखे बिना कहना मुश्किल है कि वह तेंदुआ ही था या नहीं. आम लोगों को अनावश्यक रुप से भयभीत होने की जरूरत नहीं है. वहीं, कोतवाली थाना के आईसी विश्वाश्रय सरकार ने बताया कि जानकारी मिलने पर प्रभावित इलाके में पुलिस वैन भेजी गयी है. उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले जलपाईगुड़ी शहर के किंग साहेबघाट इलाके में एक अज्ञात जानवर के हमले में एक पुरुष जख्मी हो गया था. हालांकि उस प्राणी की पहचान नहीं हो सकी थी.