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सिलीगुड़ी : जुगाड़ से चल रहे पुलिस वाहन, स्थायी चालकों की संख्या कम, प्रधान नगर थाना में गाड़ियां पांच और ड्राइवर दो

सिलीगुड़ी पुलिस के दूसरे थानों का भी यही हाल सिविक वॉलंटियर और निजी चालक चला रहे गाड़ी मोहन झा, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की गाड़ियां बिना स्थायी ड्राइवर के ही चल रही हैं. कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में पेट्रोलिंग वैन व अधिकारियों की गाड़ियों की संख्या के अनुपात में पुलिस ड्राइवर नहीं के […]

  • सिलीगुड़ी पुलिस के दूसरे थानों का भी यही हाल
  • सिविक वॉलंटियर और निजी चालक चला रहे गाड़ी
मोहन झा, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की गाड़ियां बिना स्थायी ड्राइवर के ही चल रही हैं. कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में पेट्रोलिंग वैन व अधिकारियों की गाड़ियों की संख्या के अनुपात में पुलिस ड्राइवर नहीं के बराबर हैं. फिर ये गाड़ियों को कौन चला रहा है, इसका कोई हिसाब भी आधिकारिक तौर पर पुलिस के पास नहीं है. बल्कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर इस मसले को बकवास करार दे रहे हैं.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत कुल छह प्रधान नगर, भक्ति नगर, माटीगाड़ा, बागडोगरा, सिलीगुड़ी व न्यू जलपाईगुड़ी थाना है. वहीं सिलीगुड़ी थाना के अंतर्गत पानीटंकी व खालपाड़ा पुलिस चौकी, माटीगाड़ा थाना के अधीन मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी, भक्ति नगर थाना अंतर्गत आसिघर पुलिस चौकी व न्यू जलपाईगुड़ी थाना अंतर्गत आमबाड़ी व मिलनपल्ली पुलिस चौकी है.
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधान नगर थाने में पेट्रोलिंग की तीन वैन, पीसी पार्टी की एक व थाना प्रभारी की एक गाड़ी मिलाकर कुल पांच गाड़ियां हैं. जबकि प्रधान नगर थाने में आधिकारिक तौर पर मात्र दो पुलिस ड्राइवर नियुक्त हैं. भक्ति नगर थाने में पेट्रोलिंग, पीसी पार्टी व थाना प्रभारी सहित आसिघर पुलिस चौकी को मिलाकर कुल 5 गाड़ियां है, लेकिन आधिकारिक तौर पर सिर्फ एक पुलिस ड्राइवर नियुक्त है.
सिलीगुड़ी थाने में पेट्रोलिंग की तीन, पीसी पार्टी की एक, स्पेशल विभाग की एक, थाना प्रभारी की एक और पानीटंकी व खालपाड़ा पुलिस चौकी में एक-एक गाड़ियां हैं. कुल मिलाकर सिलीगुड़ी थाने में 8 गाड़ियां हैं. 8 गाड़ियों के लिए सिलीगुड़ी थाने में मात्र दो पुलिस ड्राइवर नियुक्त हैं.
न्यू जलपाईगुड़ी थाने में 5, आमबाड़ी व मिलनपल्ली पुलिस चौकी में एक-एक गाड़ी, कुल मिलाकर 7 गाड़ियां हैं. यहां भी गाड़ियों के अनुसार पुलिस ड्राइवर नहीं है. माटीगाड़ा थाने में भी मेडिकल पुलिस चौकी को लेकर कुल चार गाड़ियां हैं, जबकि यहां भी मात्र दो पुलिस ड्राइवर हैं.
थाने की गाड़ियां व पुलिस ड्राइवर के आंकड़ो पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह कि बिना ड्राइवर के पुलिस की गाड़ियां किस प्रकार सड़कों पर दौड़ रही हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ड्राइवर की कमी को दूर करने के लिए सिविक वॉलंटियर व पब्लिक ड्राइवर को चालक की सीट पर बैठाया जा रहा है. बल्कि गाड़ी चलाने वाले पब्लिक ड्राइवर का कोई रिकॉर्ड भी पुलिस के पास नहीं है.
जरूरत के अनुसार पुलिस ड्राइवर नहीं होने की वजह से प्रशासन को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. लेकिन राज्य सरकार ने इस ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया है. वर्ष 2016 में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं पुलिस ड्राइवर की नियुक्ती करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इस संबंध में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर भरत लाल मीण से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि आपको इस मामले को देखने के लिए किसने कहा है. बकवास.
कई गाड़ियां इतनी खटारा कि उसे चलाना मुश्किल
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अधीन विभिन्न थाने की कई गाड़ियों की स्थिति काफी खराब है. किसी गाड़ी का गीयर बॉक्स खराब है तो कोई गाड़ी 40 किलोमीटर से अधिक का स्पीड नहीं पकड़ती है. कुछ गाड़ियों की 15 वर्ष की मियाद भी समाप्त हो चुकी है.
पुलिस की अधिकतर गाड़ियों का माइलेज 5 से 10 किलोमीटर प्रति लीटर का है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस थानों की प्रत्येक पेट्रोलिंग वैन को आठ लीटर प्रतिदिन के हिसाब से प्रतिमाह 240 लीटर ईंधन उपलब्ध कराया जाता है. इससे अधिक ईंधन खर्च होने पर थाना अधिकारी या कर्मचारियों को अपनी जेब से ईंधन भराना पड़ता है.

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