सिलीगुड़ी: द सिमुलबाड़ी टी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने सेना पर अवैध रूप से बुल्डोजर चलाकर चाय बागान को नष्ट करने एवं 14 एकड़ भूमि पर दखल करने का आरोप लगाया है.
कंपनी के सीईओ मदन मोहन शर्मा ने आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेना और कंपनी के बीच काफी दिनों से जमीन का विवाद चल रहा है. उनके अनुसार सेना ने सिमुलबाड़ी चाय बागान के 46 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है, जबकि सेना ने अपनी 14 एकड़ भूमि के कब्जे का आरोप चाय बागान प्रबंधन पर लगाया है. दोनों ही एक-दूसरे पर अवैध रूप से जमीन दखल करने का आरोप लगाते रहे हैं.
श्री शर्मा ने बताया कि इस विवाद को खत्म करने के लिए जिला शासक से गुहार लगाई गई. उसके बाद जिला शासन ने बीएलआरओ माटीगाड़ा तथा बीएलआरओ कर्सियांग को विवादित जमीन के सव्रे का निर्देश दिया. 46 एकड़ भूमि माटीगाड़ा बीएलआरओ के अधीन है, जबकि 14 एकड़ जमीन कर्सियांग बीएलआरओ के क्षेत्र में है. बीएलआरओ कर्सियांग ने सव्रे का काम पूरा कर लिया है, जबकि बीएलआरओ माटीगाड़ा के अधिकारी सव्रे करने गये तो उन्हें सेना के जवानों ने रोक दिया. सेना के डीईओ का कहना था कि बीएलआरओ से इस संबंध में कोई लिखित चिट्ठी नहीं मिली है. चिट्ठी नहीं मिलने तक वह सव्रे नहीं होने देंगे. श्री शर्मा ने आगे बताया कि बीएलआरओ अधिकारियों के अनुसार 6 जून को यह चिट्ठी सेना के डीईओ को मिल गई है. सव्रे का काम ना हो सके, इसके लिए डीईओ पर बहानेबाजी का आरोप उन्होंने लगाया.
श्री शर्मा ने आगे कहा कि यह मामला अभी चल रहा है उसके बावजूद सेना के करीब 40 से 50 जवान आज सुबह माटीगाड़ा थाना अंतर्गत बड़ा आदलपुर स्थित सिमुलबाड़ी चाय बगान में आये और 14 एकड़ जमीन को अपना बताते हुए इस पर धावा बोल दिया. उन्होंने कहा कि सेना के जवान बुल्डोजर के साथ आये थे और 30 साल पुराने इस चाय बागान की 14 एकड़ भूमि पर चाय के पौधों को नष्ट कर दिया. श्री शर्मा ने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.