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सिलीगुड़ी : राम भरोसे चल रहा है मेघदूत सिनेमा हॉल

सिलीगुड़ी : राज्य में कोलकाता के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर की सूची में शामिल सिलीगुड़ी का अपने आप में एक अलग इतिहास है.शहर की कुछ ऐसी इमारते हैं जो शहर के विकास की गवाही देती है,तो कुछ पुरानी इमारतें काफी जर्जर हो गई है. इन इमारतों की यदि मरम्मत नहीं करायी गयी तो कभी […]

सिलीगुड़ी : राज्य में कोलकाता के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर की सूची में शामिल सिलीगुड़ी का अपने आप में एक अलग इतिहास है.शहर की कुछ ऐसी इमारते हैं जो शहर के विकास की गवाही देती है,तो कुछ पुरानी इमारतें काफी जर्जर हो गई है. इन इमारतों की यदि मरम्मत नहीं करायी गयी तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक हिलकार्ट रोड में कई नई – पुरानी इमारते हैं. इन इमारतों में सैकड़ों दुकाने तथा दफ्तर हैं. जहां हर वक्त लोगों का आना-जाना लगा रहता है.

मगर उन पुरानी इमारतों में कुछ की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि किसी भी वक्त कोई बड़ी र्दुघटना घट सकती है.लोगों का आरोप है कि इन जर्जर इमारतों पर नगर निगम कोई खास ध्यान नहीं दे रही है. कुछ इसी तरह की जर्जर इमारतों में हिलकार्ट रोड स्थित मेघदूत सिनेमा हॉल का नाम भी इन दिनों शामिल है. सिलीगुड़ी शहर में मेघदूत सिनेमा हॉल का अपना एक इतिहास है.यह शहर के सबसे पुराने सिनेमा घरो में से एक. शहर के प्राण स्थल समझे जाने वाले हिलकार्ट रोड पर यह सिनेमा घर है.

आज के दिन इस इस सिनेमा हॉल की जमीन ही करोड़ो रूपये की है.हांलाकि यह सिनेमा घर समय के अनुसार अपने आप को नहीं ढ़ाल पाया. सिनेमा हॉल मालिकों ने भी समय के हिसाब से चलने की कोशिश नहीं की. शहर में मल्टी स्क्रीन सिनेमा घरों के खुलने का क्रम जब शुरू हुआ तो सिंगल स्क्रीन सिनेमा घरों की हवा निकलने लगी. एक पर एक कई सिनेमा घर या तो बंद हो गये या फिर बंद होने के कगार पर हैं.

वर्तमान में मेघदूत सिनेमा हॉल की जो स्थिति है,उससे इस सिनेमा घर को भी इसी सूची में शामिल किया जा सकता है. यह कभी भी दम तोड़ सकता है.बहरहाल हम इस सिनेमा घर के इमारत की बात कर रहे हैं. मेघदूत सिनेमा हॉल की इमारत खस्ताहाल है. इमारत में जगह-जगह से प्लास्टर गिरने लगे हैं.

अब तो इस इमारत से ढलाई में उपयोग किये गये लोहे के रॉड भी दिखने लगे हैं. आरोप है कि बीच-बीच में बिल्डिंग के मालिक भाड़े पर मजदूरों को लाकर थोड़ी-बहुत मरम्मत करा काम चला रहे है. मगर जन बहुल इलाका होने के चलते वहां हर वक्त भारी संख्या में लोगों की आवाजाही होती रहती है. इतना ही नहीं यहां हर दिन सिनेमा देखने के लिए भी सैकड़ों लोग आते हैं. जाहिर यह सभी अपनी जान हथेली पर लेकर सिनेमा देख रहे होते हैं. सिलीगुड़ी का इलाका भूकंप प्रभावित इलाका माना जाता है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान यहां लगातार भूकंप के झटके लगते रहे हैं. ऐसे में कभी भी यहां कोई बड़ी अनहोनी घटना हो सकती है.

यहां यह भी बताना जरुरी है कि ये हालत सिलीगुड़ी के किसी एक इमारत की नहीं बल्कि और भी कई ऐसी बिल्डिंगे है जो बदलते समय के साथ जर्जर होती जा रही है.

लेकिन इसे लेकर ना तो नगर निगम ही कोई कदम उठा रही है ना ही उन बिल्डिंगों के मालिकों पर ही कोई असर पर रहा है. इस मामले में जब मेघदूत सिनेमा हॉल प्रंबंधन से बातचीत की कोशिश की गयी तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. हॉल प्रबंधन पर यह भी आरोप है कि नगर निगम की टीम को उन्होंने इमारत की जांच करने से रोक दिया. इसको लेकर जब सिलीगुड़ी नगर निगम के बिल्डिंग विभाग के मेयर पार्षद मुंशी नरुल इस्लाम से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में पूरे शहर जर्जर इमारतों को चिन्हित कर उनके मालिकों को नोटिस भेजा गया है. रही बात मेघदूत सिनेमा हॉल की तो पिछले दिनों नगर निगम की एक टीम को उस बिल्डिंग की जांच के लिए भेजा गया था. उस वक्त सिनेमा घर प्रबंधन ने नगर निगम को काम में सहयोग नहीं किया. जिस कारण से इस बिल्डिंग की जांच नगर निगम के अधिकारी नहीं कर पाये.

अब जानकारी मिली है कि हॉल प्रबंधन द्वारा बिल्डिंग की थोड़ी बहुत मरम्मत करा रहे हैं. नगर निगम के इंजीनियर वहां जाकर जांच करेंगे. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आने वाले समय में सिनेमा घर प्रबंधन को नोटिस जारी होगा.

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