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आखिरकार एक माह बाद खुला ग्रासमोड़ चाय बागान, चाय बागान खुलने से श्रमिकों ने जतायी खुशी

नागराकाटा : श्रमिकों के दयनीय हालत से गुजरने के बाद आखिरकार एक माह बंद रहने के बाद गुरुवार को ग्रासमोड़ चाय बागान खुल गया. चाय बागान खुलने के बाद श्रमिकों में खुशी की लहर छा गयी है. एक माह से चाय बागान के बंद रहने से श्रमिकों के बीच आर्थिक संकट शुरु हो गया था. […]

नागराकाटा : श्रमिकों के दयनीय हालत से गुजरने के बाद आखिरकार एक माह बंद रहने के बाद गुरुवार को ग्रासमोड़ चाय बागान खुल गया. चाय बागान खुलने के बाद श्रमिकों में खुशी की लहर छा गयी है. एक माह से चाय बागान के बंद रहने से श्रमिकों के बीच आर्थिक संकट शुरु हो गया था. जिसके कारण स्थानीय श्रमिक चाय बागान से पलायान करने लगे थे. चाय बागान खुलने की खबर से चाय श्रमिकों के चेहरे पर खुशी थी.
गौरतलब है कि चाय प्रबंधन श्रमिकों के बकाया मजदूरी, पूजा का बोनस 3.5 फीसदी, पीएफ, सहित बाबू स्टाफों को दो माह का वेतन भुगतान नहीं कर पाने के कारण पिछले 23 जुलाई को बागान बंद कर चले गये थे. जिससे चाय बागान में कार्यरत 1225 श्रमिकों का भविष्य अंधकार हो गया था. फिर दूसरे दिन चाय श्रमिकों ने चाय बागान खोलने की मांग करते हुए कई घंटों तक राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को अवरोध कर विक्षोप प्रर्दशन किया था.
अवरोध को नागराकाटा थाना प्रभारी के आश्वासन पर हटाया गया था, फिर भी चाय बागान खोलने की कोई उम्मीद नहीं थी. कई बार श्रम दफतर की ओर से चाय बागान को खोलने के लिए त्रिपक्षीय बैठक किया गया, लेकिन नतीजा सिफर रहा. चाय बागान को सिलीगुड़ी से नए फाइनेंसर ने लिया है. चाय श्रमिक नए फाइनेंसर के माध्यम से चाय बागान संचालन होने की खबर से काफी खुश दिखाई दिये. गुरुवार को चाय बागान संचालन करने से पहले नए फाइनेंसर ने श्रमिकों के साथ चाय बागान में पूजा पाठ किया और सभी के बीच मिठाई वितरण किया.
नए व्यवस्थापक ने बताया हमलोग ग्रासमोड़ चाय बागान का संचालन बेहतर तरीके से करेंगे.
हमलोग सिर्फ चायपत्ती तोड़कर बिक्री करेंगे. चाय उद्योग के नियमानुसार श्रमिक को उनका एक बकाया मजदूरी दिया जाएगा, साथ ही बाबू सब स्टाफों को पिछले जनवरी माह का एक बकाया मजदूरी प्रदान किया जाएगा. उसके साथ ही पीएफ और ग्रेजुएटी भी देंगे. हमलोग श्रमिकों को इस साल बोनस नहीं देंगे, लेकिन पिछले साल का बकाया 3.5 प्रतिशत बोनस के बदले उपहार स्वरुप कुछ देने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने बताया कि चाय कारखाने को भी नहीं चलाया चलाएंगे. फैक्ट्री स्टाफ को अन्य कामों में लगाया जाएगा. भाजपा समर्थित भारतीय टी वर्कस यूनियन के ग्रासमोड़ चाय बागान यूनिट नेता पूरन भूजेल ने कहा कि हमलोग श्रमिकों की अवस्था देखकर खुश हैं. क्योंकि यहां पर हमारे चाय श्रमिकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. दुर्गापूजा आनेवाला है. चाहे किसी भी तरह हो चाय बागान खुलने से श्रमिक दो वक्त की रोटी खा सक्ते हैं. लेकिन यह स्थाई समाधान नहीं है.
हम सरकार से चाय बागान में स्थाई समाधान करने की मांग करते हैं. तृणमूल समर्थित चाय बागान तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन ग्रासमोड़ चाय बागान के यूनिट सभापति राजू घले ने कहा कि फाइनेंसर के माध्यम से चाय बागान को संचालन करने के अलावा हमारे पास और कोई चारा नहीं था. क्योंकि चाय बागान बंद पड़ा हुआ है.
चाय बागान बंद हो जाने के बाद कई युवा चाय बागान से पलायान कर चुके हैं. साथ अन्य चाय बागानों में काम करने के लिए जाते है. इसलिए चाय बागान और श्रमिकों को बचाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है. लेकिन हमारी मांग भी चाय बागान का स्थाई समाधान है. जब तक स्थाई समाधान नहीं होता तब तक हम स्थाई समाधान के लिए प्रयासरत रहेंगे.

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