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भू-माफिया के खिलाफ पुलिस का अभियान हुआ तेज, एक पर पांच कट्ठा जमीन पर अवैध कब्जा का आरोप
सिलीगुड़ी : जमीन माफिया पर नकेल कसने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है. पिछले चार दिनों से विभिन्न थाना क्षेत्रों में भूमाफिया से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हो रही है. लेकिन बड़ी मछलियों पर पुलिस अभी भी हाथ नहीं डाल रही है. इनमें से कई के […]
सिलीगुड़ी : जमीन माफिया पर नकेल कसने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है. पिछले चार दिनों से विभिन्न थाना क्षेत्रों में भूमाफिया से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हो रही है. लेकिन बड़ी मछलियों पर पुलिस अभी भी हाथ नहीं डाल रही है. इनमें से कई के खिलाफ मामले भी दर्ज हैं. शनिवार रात प्रधान नगर थाने की पुलिस ने भूमाफिया से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने रविवार चारों को सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश कर दिया. अदालत ने चारों को रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है. प्रधान नगर थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में सुभाष शर्मा, गणेश महतो, रमेश विश्वकर्मा व रोशन चौहान शामिल है. प्रधान नगर थाना अंतर्गत मिलन मोड़ इलाके में 14 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा व बेचने के आरोप में सुभाष शर्मा व गणेश महतो की गिरफ्तारी हुई है.
वहीं स्थानीय किसी की पांच कट्ठा जमीन पर अवैध कब्जा जमाने के मामले में रमेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया गया है. जबकि सालबाड़ी गौशाला की जमीन पर अवैध कब्जा जमाने के मामले में रोशन चौहान की गिरफ्तारी हुई है. इन चारों को रविवार सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश कर दिया गया. अदालत ने रमेश विश्वकर्मा को चार दिन और बाकी तीन को दो दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है.
सिलीगुड़ी व आसपास के इलाके में सरकारी व निजी जमीन पर अवैध कब्जा कर बेचने के मामले में राज्य की सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं का नाम सामने आता रहा है.
अवैध जमीन दखल मामले में नेताओं का नाम उछलने का खमियाजा तृणमूल को बीते पंचायत चुनाव में भुगतना पड़ा है. डाबग्राम-फूलबाड़ी ग्राम पंचायत में तो भाजपा ने आशातीत बढ़त हासिल की. पंचायत चुनाव के नतीजों की समीक्षा के बाद सिलीगुड़ी दौरे पर पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जमीन माफिया के उत्पात पर नकेल कसने का निर्देश सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को दिया.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही पुलिस कमिश्नर भरत लाल मीना ने सभी थानों के साथ बैठक कर जमीन दखल से जुड़े सभी मामलों की फाइले मंगवायीं. इसके बाद भूमाफिया से जुड़े लोगों की एक सूची तैयार करके धर-पकड़ अभियान शुरू किया गया है. लेकिन अब तक बड़ी मछलियों पर पुलिस ने हाथ नहीं डाला है. हालांकि उन पर प्रधान नगर, भक्ति नगर, न्यू जलपाईगुड़ी, बागडोगरा व माटिगाड़ा थाने में कई मामले दर्ज हैं.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जमीन वापस पाने का सपना संजोये सरस्वती विश्वास प्रसाद ने प्रधान नगर थाने में एक वर्ष पुराने मामले की फाइल से धूल साफ करायी है. पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू किया है. सरस्वती विश्वास प्रसाद ने बताया ने वर्ष 2004 में उन लोगों ने चंपासारी के पोकाई जोत इलाके में चार कट्ठा जमीन खरीद कर चहारदीवारी बनायी थी. बाद में स्थानीय श्याम यादव ने उस जमीन पर कब्जा जमा लिया. इन लोगों ने कुछ रुपये-पैसे के लेनदेन पर सुलह करने को भी कदम बढ़ाया, लेकिन श्याम यादव किसी कीमत पर जमीन छोड़ने को राजी नहीं है.
इसके बाद सरस्वती विश्वास प्रसाद के परिवारवालों ने श्याम यादव के खिलाफ वर्ष 2017 में प्रधान नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी. लेकिन पिछले एक वर्ष से पुलिस इस मामले को टाल रही है. सरस्वती विश्वास ने बताया कि श्याम यादव के सिर पर 46 नंबर वार्ड तृणमूल के कई दिग्गज का हाथ है. जिसकी वजह से पिछले एक वर्ष से पुलिस भी कुछ नहीं कर रही है.
इधर विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फूलबाड़ी के कई भू-माफिया पुलिस की नजर से छिपते फिर रहे हैं. इन पर शासक दल की छत्रछाया है. इसकी वजह से मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल रही है. इसके अतिरिक्त दार्जिलिंग जिला तृणमूल के कुछ नेताओं का नाम भी सामने आ रहा है. इनमें से एक-दो तो अग्रिम जमानत लेकर बैठे हैं. इस संबंध में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर भरत लाल मीण ने बताया कि दर्ज मामलों व सबूतों के आधार पर पुलिस अपना काम कर रही है.
गोशाला कमेटी ने सीएम के फरमान को सराहा
गोशाला कमेटी ने भू-माफिया के विरुद्ध मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फरमान की तारीफ की है. गोसेवकों का कहना है कि अगर दीदी सख्त रूप से फरमान जारी न करतीं तो पुलिस प्रशासन की कभी भी नींद नहीं टूटती. गोसेवकों ने गोशाला जमीन हड़पने के मामले में अन्य दो आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार करने का गुहार पुलिस प्रशासन से लगायी है.
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले ही लगायी है निषेधाज्ञा
गोशाला कमेटी के कानूनी सलाहकार कमेटी के अधिवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले सिलीगुड़ी महकमा के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गत 16 जुलाई को गोशाला की विवादित जमीन पर धारा 144 लगा दी है. इसके तहत फैसला न आने तक विवादित जमीन पर न तो कोई दखल कर सकता है और न ही किसी भी तरह की गतिविधि चलायी जा सकती है.
श्री अग्रवाल का कहना है कि गोशाला कमेटी द्वारा प्रधाननगर थाना में मामला दायर करने के बाद सिलीगुड़ी महकमा के एसडीओ सिराज दानेश्वर से भी लिखित शिकायत करते पूरे घटनाक्रम में हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी गयी थी. एसडीओ के तलब पर माटीगाड़ा प्रखंड के बीएलआरओ दफ्तर से चार जुलाई को मेमो नंबर 2150 के मार्फत जमीन विवाद की वास्तविकता से सिराज दानेश्वर को अवगत कराया गया.
मेमो में साफ उल्लेख है कि गोशाला कमेटी ने विवादित जमीन तकरीबन 45 वर्ष पहले मुख्य बटाईदार एक आदिवासी दंपत्ति से खरीदी थी. जो कथित बटायीदार चैतु उरांव के रिश्तेदार थे. इस जमीन को बेचने के बाद आज तक किसी तरह की खेती वैगरह नहीं हुई. इस वजह से चैतु का उस विवादित जमीन पर अब कोई अधिकार नहीं हो सकता.
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