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पौधरोपण के बाद संरक्षण पर जोर
मिरिक : पेड़ लगाने से ज्यादा ध्यान इसके रख-रखाव पर देने की जरूरत होती है. लेकिन वर्षों से लोग केवल 5 जून को ही पौधारोपण की औपचारिकता पूरा करते हैं. इस दिन सभी स्वंयसेवी संस्थायें भी तत्पर हो जाती है. यह अच्छी बात है, लेकिन विडंबना है कि एक दिन पौधारोपण करने के बाद ये […]
मिरिक : पेड़ लगाने से ज्यादा ध्यान इसके रख-रखाव पर देने की जरूरत होती है. लेकिन वर्षों से लोग केवल 5 जून को ही पौधारोपण की औपचारिकता पूरा करते हैं. इस दिन सभी स्वंयसेवी संस्थायें भी तत्पर हो जाती है. यह अच्छी बात है, लेकिन विडंबना है कि एक दिन पौधारोपण करने के बाद ये संघ-संस्था के लोग गायब हो जाते हैं.
उक्त बातें एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को दधिराम घिमिरे ने कही. उन्होंने कहा कि यदि पौधों को लगाने के बाद उसका दैनिक रूप से ख्याल रखा जाए, तो निश्चित रुप से पर्यावरण संतुलन में मदद मिलेगी. काफी संख्या में ऐसे पौधे रख-रखाव के अभाव में सूख जाते हैं. श्री घिमिरे ने कहा कि मौसम में आए बदलाव व असंतुलन के पीछे पर्यावरण की भूमिका होती है. विगत दिनों दार्जिलिंग में संपन्न राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण एव मौसम सबंधी सेमिनार का जिक्र करते हुए घिमिरे ने कहा कि हमें वैश्विक मौसम में संतुलन के लिए संरक्षण की दिशा में विशेष जोर देना चाहिए.
नदी, नाला, पेड़-पौधे, वर्तमान उद्योग-धंधा, कल-कारखाने से होने वाले वायु प्रदुषण से प्राकृतिक एवं मानव स्वास्थ्य संबंधी समस्या पर्यावरण असन्तुलन के कारण हो रहा है. एक प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा कि आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर केवल औपचारिकता न हो. इसके लिए हमें प्रतिबद्ध होना जरुरी है. पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषय से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक नागरिक को सचेत होकर आगे आने की जरुरत पर भी श्री घिमिरे ने जोर दिया है.
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