सिलीगुड़ी: 4जी स्पेक्ट्रम केबल बिछाने के मामले को लेकर हर दिन ही धरना एवं प्रदर्शन के दौर के बीच अंतत: मेयर गंगोत्री दत्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सिलीगुड़ी नगर निगम में आयोजित खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में मेयर ने अपने इस्तीफे का एलान किया. उन्होंने अपना इस्तीफा नगर निगम के कमीश्नर को भेज दिया है. इसके साथ ही उन्होंने सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड को भी भंग कर दिया है.
मेयर ने सिलीगुड़ी नगर निगम में किसी भी प्रकार के घोटाले से इनकार किया. उन्होंने कहा कि करीब चार साल पहले मेयर का पदभार संभालने के बाद से ही राज्य सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं दी. इसके बावजूद सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड को सफलतापूर्वक चलाने तथा विभिन्न प्रकार के विकास कार्यो को करने का दावा उन्होंने किया. गंगोत्री दत्ता ने कहा कि जब उन्होंने वर्ष 2012 में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर का पदभार ग्रहण किया था, तब बोर्ड की स्थिति अच्छी नहीं थी. नगर निगम के ऊपर 30 करोड़ से भी अधिक की उधारी थी, लेकिन वर्तमान में वह करीब 34 करोड़ रुपये नगर निगम के खाते में छोड़ कर वह जा रही हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किये गये विभिन्न कार्यो का ब्योरा भी दिया. गंगोत्री दत्ता ने कहा कि नगर निगम में कांग्रेस बोर्ड होने के कारण राज्य सरकार ने कभी भी कोई मदद नहीं की. उलटे समय-समय पर तृणमूल कांग्रेस तथा वाम मोरचा ने गलत आरोप लगाये. इन आरोपों का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से 4जी स्पेक्ट्रम केबल बिछाने के मामले में घोटाले के आरोप लगाये जा रहे हैं और धरना प्रदर्शन के साथ-साथ उनके घर का घेराव किया जा रहा है, ऐसे में कार्य कर पाना बहुत ही मुश्किल हो गया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कल ही उन्हें बोर्ड भंग करने का सुझाव दिया था. उसके बाद सभी कांग्रेस पार्षदों एवं मेयर पार्षदों के साथ बैठक के बाद इस्तीफा देने का निर्णय लिया गया.
उन्होंने कहा कि ढाई करोड़ रुपये की आर्थिक गड़बड़ी के जो आरोप लगाये जा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं. इस संबंध में जितने भी दस्तावेज हैं, सभी नगर निगम के रिकॉर्ड में हैं. उनकी जांच की जा सकती है. जांच के बाद वह दोषी पायी गयीं, तो किसी भी सजा के लिए तैयार हैं. गंगोत्री दत्ता ने आगे कहा कि 4जी स्पेक्ट्रम केबल बिछाने के काम में लगी संबंधित कंपनियों ने बगैर वर्क ऑर्डर मिले ही काम करना शुरू कर दिया, जो गलत है.
उन्होंने इन कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश नगर निगम के कमीश्नर को दिये हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस दिशा में कोई पहल नहीं की, जो उनकी समझ से बाहर है. नगर निगम के कमिश्नर मेयर पार्षदों की बैठक में पास रेज्युलेशन की कॉपी की मांग कर रहे हैं, जो अध्यक्ष के पास है. अध्यक्ष को यह कॉपी कमीश्नर को दे देनी चाहिए. अपनी ही पार्टी में इस मुद्दे पर विरोध की बात पर उन्होंने कहा कि मेयर होने के नाते हर दिन ही सैकड़ों लोग उन्हें ज्ञापन देते हैं. युवा कांग्रेस ने भी इसकी जांच के लिए उन्हें ज्ञापन दिया. पीडब्ल्यूडी के मेयर पार्षद सुजय घटक के संबंध में उन्होंने कहा कि उनके साथ थोड़ी गलतफहमी हुई थी, उन्हें इस मामले में पहले ही सामने आना चाहिए था, लेकिन उन्होंने देर से सफाई दी, जिसकी वजह से दोनों के बीच मन-मुटाव हुआ.
माकपा ने किया स्वागत
इस बीच माकपा ने मेयर गंगोत्री दत्ता के इस्तीफे का स्वागत किया है. उनहोंने सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड पर सभी क्षेत्रों में विफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि मेयर को काफी पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इसमें देरी की. उन्होंने शीघ्र ही नगर निगम का चुनाव कराने की मांग की.
क्या कहा गौतम देव ने
तृणमूल कांग्रेस के नेता तथा मंत्री गौतम देव ने कहा कि वह पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. अभी इस मामले में वह कुछ भी कहना सही नहीं होगा, लेकिन जिस घोटाले के आरोप लग रहे हैं, उसकी जांच की जानी चाहिए.