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रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ का मामला प्रधानमंत्री तक पहुंचा
अहलुवालिया ने लिखी चिट्ठी, जतायी चिंता देश की सुरक्षा को बताया गंभीर खतरा पहाड़ तथा उत्तर बंगाल को होगा नुकसान कालिम्पोंग इलाके में करीब 200 घर बनाने का आरोप सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के कालिम्पोंग जिले के कुछ स्थानों पर रोहिंग्या मुसलमानों के डेरा जमाने के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. भाजपा […]
अहलुवालिया ने लिखी चिट्ठी, जतायी चिंता
देश की सुरक्षा को बताया गंभीर खतरा
पहाड़ तथा उत्तर बंगाल को होगा नुकसान
कालिम्पोंग इलाके में करीब 200 घर बनाने का आरोप
सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के कालिम्पोंग जिले के कुछ स्थानों पर रोहिंग्या मुसलमानों के डेरा जमाने के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. भाजपा तथा उसके कुछ सहयोगी संगठन पिछले काफी दिनों से रोहिंग्या मुसलमानों के कालिम्पोंग जिले में आकर बसने के आरोप लगा रहे थे.
इसके अलावा भूमिगत गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग ने भी कालिम्पोंग में रोहिंग्या मुसलमानों के आने की बात कही थी. उसके बाद से लेकर अब तक इस मामले को लेकर राजनीतिक तथा प्रशासनिक हलकों में खलबली मची हुई थी. अब यह मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंच गया है. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद तथा केन्द्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है.
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि यदि रोहिंग्या मुसलमानों कालिम्पोंग में बसने की खबर सही है, तो इससे सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरा है. सिर्फ कालिम्पोंग या दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बंगाल की सुरक्षा को इससे खतरा होगा, क्योंकि सामरिक दृष्टिकोण से यह इलाका काफी संवेदनशील है.
इससे चिकन नेक भी कहा जाता है. उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखी चट्ठी में आगे कहा है कि दार्जिलिंग जिला तथा डुवार्स के कई क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे हुए हैं. ऐसे में यदि रोहिंग्या मुसलमान इस इलाके में आकर बस रहे हैं तो इससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा है. श्री अहलुवालिया ने अपने पत्र में राज्य सरकार पर भी निशाना साधा है और इस क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने का आरोप लगाया है.
श्री सिंह ने आगे कहा कि उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्र से कई लोगों की चिट्ठियां मिली हैं जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों के कालिम्पोंग जिले में आने की बात कही गई है.
सिर्फ इतना ही नहीं, इन पत्रों में राज्य सरकार पर रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने का भी आरोप लगाया गया है. इसी प्रकार की एक चिट्ठी भारतीय जनता पार्टी के एक सहयोगी संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) से उनको मिली है. भाजयुमो का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के लिए कालिम्पोंग जिले के डेलो तथा उसके आसपास के इलाकों में घर बनाये जा रहे हैं.
डेलों में 50 जबकि लाभा फॉरेस्ट क्षेत्र में 140 घर बनाये गये हैं. भाजयुमो के पत्र में मल्ली से रंगपो हाइवे के बीच करीब 130 रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने की भी बात कही गई है. श्री अहलुवालिया ने इन्हीं पत्रों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले की जांच की मांग की है. श्री अहलुवालिया ने यह चिट्ठी इस महीने की तीन तारीख को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी है. आज इस पत्र को मीडिया को जारी किया गया.
विमल भी लिख चुके हैं पीएम को चिट्ठी
रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को लेकर गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख चुके हैं. उन्होंने किसी अज्ञात स्थान से 27 अप्रैल को एक चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिखी जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों को दार्जिलिंग के अलावा तराई तथा डुवार्स में बसाने का आरोप लगाया.
विमल गुरूंग की इसी चिट्ठी के बाद पूरे उत्तर बंगाल में खलबली मच गई. विमल गुरूंग ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा था कि दार्जिलिंग, तराई तथा डुवार्स का इलाका काफी संवेदनशील है. भूटान, नेपाल तथा बांग्लादेश के साथ-साथ तिब्बत की सीमा भी इस क्षेत्र से लगती है.
ऐसे संवेदनशील इलाके में रोहिंग्या मुसलमानों के आने से सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो जायेगा. अपने पत्र में उन्होंने यह भी लिखा था कि रोहिंग्या मुसलमानों के सक्रिय होने से इस क्षेत्र में रह रहे गोरखा, आदिवासी तथा राजवंशी समुदाय के लोगों को गंभीर खतरा पैदा हो जायेगा. उन्होंने अपने पत्र में केन्द्रीय गृह मंत्रालय से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी.
दावा पाखरीन ने भी उठाया मुद्दा
यहां उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे को गोरखालैंड राज्य निर्माण मोरचा के अध्यक्ष दावा पाखरीन भी उठा चुके हैं. उन्होंने भी रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलुवालिया को एक चिट्ठी लिखी है.
27 अप्रैल को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने राज्य सरकार पर रोहिंग्या मुसलमानों को दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में बसाने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने तो यहां तक आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की ओर से रोहिंग्या मुसलमानों को वोटर आइडी कार्ड तथा राशन कार्ड देने तक की व्यवस्था की जा रही है.
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