सिलीगुड़ी: नांटू पाल के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम की मेयर हाईकोर्ट में जा सकती है. लेकिन एक व्यवसायी से जानबूझ कर सिंगल बेंच में केस हारकर, डिवीजन बेंच में नहीं जा सकती. वार्ड 42 के पेरश नगर में नगर निगम के रास्ता का हिस्सा पर कब्जा कर लिया गया, लेकिन मेयर ने कुछ नहीं किया. प्रमोद नगर में पीने का पानी से मेढ़क का बच्च निकल रहा है. बारिश के पानी से अभी ही शहर डूब रहा है. कचड़े का अंबार है. प्रत्येक वार्ड की समस्या है.
लेकिन पिछले तीन बैठकों में मेयर गंगोत्री दत्ता और कांग्रेस एमआईसी व पार्षद भाग नहीं ले रहे है. कारण बताते हैं कि नांटू पाल अवैध रूप से चेयरमैन पद पर विराजमान है. यदि नांटू पाल अवैध ही थे, तो उनकी अध्यक्षता में क्यों बजट पेश किया? सच्चई तो यह है कि 14 सीटों वाली कांग्रेस बोर्ड नहीं चला सकती. वह हमारे किसी सवाल का सामना नहीं कर सकती. यह कहना है तृणमूल के पार्षद व जिला महासचिव कृष्णद चंद्र पाल का. बतादें कि सिलीगुड़ी नगर निगम में शुक्रवार को मासिक बोर्ड बैठक बुलायी गयी थी.
इसकी सूचना 120 घंटें पूर्व मेयर को दिया गया था. लेकिन कांग्रेस और वाममोरचा, दोनों आज की बैठक में अनुपस्थित थे. उनकी अनुपस्थिति के विरोध में तृणमूल पार्षदों ने सभा कक्ष में उनका इंतजार किया. बाद में मेयर गंगोत्री दत्ता के विरोध में जमकर नारेबाजी की. एक बोर्ड पर लिखा गया था-‘मेयर साहिबा गुम हो गयी है, कोई उसे ढ़ूढ़ कर लाये. वो मिल जाये, तो नगर निगम उपकृत हो.’ मेयर गंगोत्री दत्ता ने कहा कि जब तक अवैध रूप से काबिज चेययरमैन नांटू पाल के नेतृत्व में बैठक होगी, हम शामिल नहीं होंगे. शहर में विकास कार्य सुचारू रूप से चल रहा है.