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पहले ही दिन बैठा जीएसटी का सर्वर

कारोबारी नहीं जेनरेट कर सके ई-वे बिल सिलीगुड़ी में 50 से अधिक गाड़ियां अटकी एसएमए ने जीएसटी कमिश्नर को लिखी चिट्ठी ढांचागत सुविधाओं में तत्काल सुधार की मांग सिलीगुड़ी : भारत सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए ई-वे बिल व्यवस्था लागू की है. आज 1 जनवरी से ही इसकी […]

कारोबारी नहीं जेनरेट कर सके ई-वे बिल

सिलीगुड़ी में 50 से अधिक गाड़ियां अटकी
एसएमए ने जीएसटी कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
ढांचागत सुविधाओं में तत्काल सुधार की मांग
सिलीगुड़ी : भारत सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए ई-वे बिल व्यवस्था लागू की है. आज 1 जनवरी से ही इसकी शुरूआत हो गयी है. लेकिन सिलीगुड़ी के कारोबारियों को पहले ही दिन ई-वे बिल जेनरेट करने में काफी माथा पच्ची करनी पड़ी. ई-वे बिल जेनरेट नहीं होने के कारण 50 सि अधिक गाड़ियां माल लोड करने के बाद भी सिलीगुड़ी में ही अटक गयीं.
दूसरी और सैकड़ो कारोबारियों ने ई-वे बिल जेनरेट नहीं होने के कारण गाड़ियों में लोडिंग ही नहीं करायी.इसके परिणामस्वरूप जहां सिलीगुड़ी के कारोबारियों को लाखों रूपये का नुकसान हुआ,वहीं सरकार को भी करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि हुयी है. दरअसल यह समस्या सीजीएसटी सर्वर के बैठ जाने के कारण हुयी. मिली जानकारी के अनुसार पहले ही दिन सर्वर बैठ जाने के कारण कारोबारी ई-वे बिल
जेनरेट ही नहीं कर सके. मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी में नया बजार और खालपाड़ा का इलाका सबसे बड़ा व्यवसायिक हब है. यहां कई बड़ी मंडियां हैं. जिसके परिणाम स्वरूप यहां हर दिन ही सैकड़ो ट्रकों की लोडिंग और अनलोडिंग होती है. एक अनुमान के मुताबिक इस बाजार से हर दिन करीब 200 से अधिक ट्रक माल लोड कर पड़ोसी राज्य सिक्किम और सीमावर्ती बिहार के
किशनगंज,पुर्णियां,कटिहार,अररिया,फारबीसगंज आदि भेजे जाते हैं.सुबह नयी व्यवस्था लागू होने के बाद इस इलाके के कारोबारियों ने सजीएसटी की वेबसाइट पर जाकर ई-वे बिल जेनरेट करने का काम शुरू किया. शुरूआती चरण में कुछ कारोबारी ई-वे बिल
जेनरेट करने में सफल भी रहे,लेकिन बाद में सर्वर बैठ गया. उसके बाद तो यहां के कारोबारियों में खलबली मच गयी.पल भर में ही यह बात पूरे बाजार में फैल गयी और काफी संख्या में कारोबारियों ने आज बाहर माल भेजने का निर्णय ही बदल दिया.
लेकिन वह बेचारे क्या करते,जिन्होंने माल की ट्रकों में लोडिंग करा ली थी. नया बाजार में करीब 50 से अधिक ट्रक माल लोड कर खड़े हैं. कारोबारियों का कहना है कि कल दोबारा ई-वे बिल जेनेरेट करने की कोशिश करेंगे. उसके बाद ट्रकों को गनतब्य तक रवाना करेंगे. हांलाकि इसकी वजह से कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है. एक तो माल भेजने में देरी हुयी उपर से ट्रक पर माल लोड हो जाने के कारण भाड़ा अधिक चुकाना पड़ रहा है. इस समस्या के कारण कारोबारी के साथ ही ट्रांसपोर्टर भी परेशान हैं. इस मामले को लेकर सिलीगुड़ी मर्चेंट्स एसोसिएशन (एसएमए)ने सीजीएसटी कमिश्नर को एक चिट्ठी भी लिखी है.संगठन के प्रेसिडेंट गोपाल खोरिया ने सीजीएसटी के कमिश्नर बी तारी से भी बात की,उसक बाद भी समस्या का कोई सामाधान नहीं निकला.
संगठन के सहायक सचिव तथा प्रवक्ता कमल गोयल ने बताया है कि आज पहले ही दिन सर्वर के फेल होने से कारोबारी काफी निराश हैं. दरअसल केंद्र सरकार बगैर ढांचागत सुविधाओं के विकास नये नियम लागू कर देती है. इससे पहले जीएसटी को भी हड़बड़ी में लागू किया गया था और अब ई-वे बिल को भी जल्दीबाजी में लागू किया गया. श्री गोयल ने आगे बताया कि संगठन की ओर से इस बात को लेकर सीजीएसटी कमिश्नर को पत्र भी दिया गया है और ढांचागत सुविधाओं के साथ समस्या के समाधान की मांग की गयी है.
भारी जुर्माने के कारण सबमें डर सिलीगुड़ी के कारोबारी बगैर ई-वे बिल के ट्रकों को बाहर भेजने से डर रहे हैं.भले ही सजीएसटी के सर्वर में गड़बड़ी से से ई-वे बिल जेनरेट नहीं हो रहा है,उसके बाद भी कारोबारी रिस्क नहीं लेना चाहते. ई-वे बिल नहीं होने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है. श्री गोयल ने कहा कि 200 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है. ऐसे में भला कौन कारोबारी रिस्क लेना चाहेगा.

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