13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दूसरे राज्यों में श्रमिकों की मौत पर भाजपा ने जतायी चिंता

मुख्यमंत्री के नौकरी देने के दावे को किया खारिज श्रमिकों की संख्या को लेकर श्वेतपत्र जारी करने की मांग मानव तस्करी की भी जतायी आशंका, जांच की मांग केवल मालदा जिले से प्रतिवर्ष 50 हजार से अधिक श्रमिक जाते हैं अन्य राज्यों में मालदा. अन्य राज्य में रोजगार के लिए गये पश्चिम बंगाल के श्रमिकों […]

मुख्यमंत्री के नौकरी देने के दावे को किया खारिज

श्रमिकों की संख्या को लेकर श्वेतपत्र जारी करने की मांग

मानव तस्करी की भी जतायी आशंका, जांच की मांग

केवल मालदा जिले से प्रतिवर्ष 50 हजार से अधिक श्रमिक जाते हैं अन्य राज्यों में

मालदा. अन्य राज्य में रोजगार के लिए गये पश्चिम बंगाल के श्रमिकों की मौत की घटना के बाद राज्य के सभी जिलों के कुशल व अकुशल श्रमिकों की संख्या को लेकर भाजपा ने श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.

सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के उपाध्यक्ष विश्वप्रिय राय चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यदि इस संबंध में श्वेत पत्र प्रकाशित करें तो मानव तस्करी के संबंध में कई विस्फोटक बातें सामने आयेंगी. साथ ही मालदा सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में कानून व्यवस्था में गिरावट का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार से फोर्स मांगने की सलाह भी भाजपा ने दी. विश्वप्रिय राय चौधरी ने बताया कि केवल मालदा जिले के विभिन्न ब्लॉकों से ही प्रतिवर्ष कम से कम 40,000 पुरुष एवं 12,000 महिलाएं अन्य राज्यों में रोजगार के लिए जाते हैं.

कालियाचक, रतुआ,चांचल, हरिश्चंद्रपुर, हबीबपुर, बामनगोला ब्लॉक से अन्य राज्य में रोजगार के लिए जाने वाले श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है. चिंता की बात यह है कि इनमें से अधिकतर तस्करी के शिकार हो जाते हैं या फिर गलत उद्देश्य से बेच दिये जाते हैं. दरअसल, राज्य सरकार के पास राज्य के कुशल व अकुशल श्रमिकों की संख्या को लेकर कोई तथ्य नहीं है. प्रत्येक जिले के श्रम विभाग से राज्य सरकार इस तथ्य को इकट्ठा करे. इसी से मानव तस्करी का चिंताजनक मुद्दा सामने आयेगा.

तृणमूल कांग्रेस संचालित राज्य सरकार को टिप्पणी करते हुए राज्य भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने लाखों नौकरियां दी. इसके बाद भी क्यों इस राज्य के लोगों को अन्य राज्य में नौकरी के लिए जाना पड़ रहा है? दरअसल मुख्यमंत्री मेला-खेला उत्सव में रम गयी हैं. इसलिए मुख्यमंत्री इस महत्वपूर्ण मुद्दे से बच रही हैं.

इसके अलावा भाजपा नेतृत्व का कहना है कि राजस्थान में अफराजुल की मौत के बाद उसके घर में भाजपा के स्थानीय नेता ही पहुंचे थे. अन्य राज्य में काम करने गये एक और श्रमिक दीपक दास की मौत पर किसी राजनीतिक दल को आवाज उठाते नहीं देखा गया. भाजपा ने दोनों ही मामले में विरोध किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें