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नवजात शिशु को भेजा गया जलपाईगुड़ी

धूपगुड़ी: धूपगुड़ी ब्लॉक के उत्तर खुट्टीमारी के बेलतली इलाके से सोमवार को बरामद हुए नवजात शिशु को देखने मंगलवार को धूपगुड़ी अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. दोपहर में धूपगुड़ी अस्पताल से शिशु को जलपाईगुड़ी स्थानांतरित कर दिया गया. अस्पताल प्रबंधन ने धूपगुड़ी थाने की महिला पुलिसकर्मियों को शिशु को सौंपा, जिन्होंने उसे जलपाईगुड़ी […]

धूपगुड़ी: धूपगुड़ी ब्लॉक के उत्तर खुट्टीमारी के बेलतली इलाके से सोमवार को बरामद हुए नवजात शिशु को देखने मंगलवार को धूपगुड़ी अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. दोपहर में धूपगुड़ी अस्पताल से शिशु को जलपाईगुड़ी स्थानांतरित कर दिया गया. अस्पताल प्रबंधन ने धूपगुड़ी थाने की महिला पुलिसकर्मियों को शिशु को सौंपा, जिन्होंने उसे जलपाईगुड़ी पहुंचाया.

जानकारी के मुताबिक, शिशु को पहले चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने प्रस्तुत किया जायेगा. वहां से जरूरी कागज तैयार करने के बाद उसे सदर अस्पताल में रखा जायेगा. शिशु को कब तक सदर अस्पताल में रखा जायेगा, इस बारे में किसी अधिकारी ने कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया. जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल सूत्रों ने बताया कि बीते कुछ महीनों में लावारिस हालत में बरामद हुए तीन शिशुओं को पहले अस्पताल की एसएनएस यूनिट में रखा गया. बाद में उन्हें स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी को सौंपा जाना था, लेकिन उनके पास व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें अस्पताल में ही रखा गया है. पहले से मौजूद तीन शिशुओं के साथ एक शिशु अब और बढ़ गया है. इसे लेकर सदर अस्पताल प्रबंधन मुसीबत में है.

अस्पताल के अधीक्षक गयाराम नस्कर ने बताया कि पहले तीन शिशुओं को एसएनएस यूनिट में रखा गया था. बाद में उनके कुछ बड़े होने पर उन्हें शिशु विभाग के जेनरल वार्ड में भेज दिया गया. लेकिन बच्चों की देखभाल में कहीं कोई कमी नहीं है. उनके लिए अलग से एक आया तैनात है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में लोगों को इलाज के लिए लाया जाता है. यह बच्चों के देखभाल की जगह नहीं है. बच्चों को उचित जगह भेजने के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को बार-बार पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. कई महीने बीत जाने पर भी शिशु अस्पताल में ही है.

जलपाईगुड़ी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन बेबी उपाध्याय ने कहा कि स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी कूचबिहार और उत्तर दिनाजपुर जिले में है. इसके अलावा किसी सेंटर में कोई सीट भी खाली नहीं है. इसलिए मजबूरी में बच्चों को अस्पताल में रखना पड़ रहा है. बेबी उपाध्याय ने कहा कि बरामद लावारिस शिशुओं के लिए अस्पताल से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं है. जैसे ही किसी सेंटर में जगह खाली होगी, उन्हें वहां भेज दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि एडॉप्शन एजेंसी के साथ लगातार संपर्क रखा जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि सोमवार की सुबह धूपगुड़ी ब्लॉक के उत्तर खुट्टीमारी इलाके में जब स्थानीय निवासी नवीन राय घर के बागान में बांस काटने गये, तो उन्हें एक शिशु के रोने की आवाज सुनायी दी. इसके बाद उन्हें एक नवजात शिशु मिला जिसे उन्होंने अस्पताल पहुंचाया. नि:संतान दंपती नवीन और चंचला राय ने शिशु को अपने पास रखने की इच्छा जतायी. इसके लिए उन्होंने धूपगुड़ी ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सव्यसाची मंडल के पास आवेदन भी किया. लेकिन कानूनी जटिलता के कारण शिशु को दंपती को नहीं सौंपा जा सका. धूपगुड़ी थाने के आइसी संजय दत्त ने बताया कि बरामद शिशु को मंगलवार को दो महिला पुलिसकर्मियों के हाथों जलपाईगुड़ी भेज दिया गया.

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