दो नाबालिग समेत चार आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया. इस घृणित कांड को लेकर प्रशासन का रवैया उदासीन है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन के जिला अध्यक्ष तथा रायगंज नगरपालिका के उपाध्यक्ष अरिंदम सरकार, नाइटेंगल होटल के मालिक और दुष्कर्म में लिप्त दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल है.
अब आदिवासियों को प्रशासनिक कार्रवाई पर भरोसा नहीं रह गया है. इसलिए बड़े स्तर पर लड़ाई की जरूरत है. अखिल भारतीय आदिवासी संगठन के साथ आंदोलन की तारीख तय करने के लिए विचार-विमर्श किया जा रहा है. इसलिए 31 जुलाई के विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है.
इधर, यह चर्चा भी जोरों पर है कि 1 अगस्त को मुख्यमंत्री उत्तर दिनाजपुर के दौरे पर आ रही हैं. निश्चित रूप से यह मामला उनके सामने उठेगा. इस मामले में मुख्यमंत्री क्या कदम उठाती हैं, यह भी आदिवासी समुदाय देखना चाह रहा है. इधर, अरिंदम सरकार ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. दुष्कर्म के आरोपियों का तृणमूल से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने इसे तृणमूल की गुटबाजी का नतीजा बताया है. उन्होंने कहा कि तृणमूल के ही कुछ लोग उन्हें रास्ते से हटाने की लिए उनका नाम उछलवा रहे हैं. पीड़ितों के प्रति उनकी गहरी संवेदना है. दुष्कर्मियों को कठोर सजा दिलाने के लिए वह हर सयोग करने को तैयार हैं.