गुरुचरण परिवार का बड़ा बेटा है. परिवार के आर्थिक तंगी से गुरुचरण सुबह से शाम तक मालदा शहर में गन्ने का रस बेचता फिरता है. पहले यह काम उसके पिता किया करते थे. उम्र ढ़लने की वजह से गन्ने का ठेला चलाना उनसे संभव नहीं है. गन्ने के ठेले को शहर में घुमाने के बीच ही गुरुचरण स्कूल भी चला जाता है. घर की पूरी जिम्मेदारी उठाने के साथ उसने उच्च माध्यमिक की परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन किया है.
गुरुचरण के इस परीक्षा परिणाम से उसका परिवार काफी खुश है. गुरुचरण ने बताया कि विद्यालय के शिक्षकों ने उसे काफी सहयोग किया. वह भूगोल विषय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर भविष्य में एक शिक्षक बनने की चाह रखता है. उसके माता-पिता ने बेटे की इस उपलब्धि का श्रेय उसके स्कूल के शिक्षकों को दिया है. गुरूचरण का भी कहना है कि स्कूल के चार शिक्षक शुरू से ही पढ़ाई में उसकी मदद कर रहे हैं. वह उनसे ट्यूशन भी पढ़ता था. जिला स्कूल के प्रधान शिक्षक मोहम्मद मोब्बासर अंसारी ने बताया कि गुरुचरण पांचवी की कक्षा से इसी यहां पढ़ रहा है. प्रति वर्ष वह अच्छे अंक के साथ पास होता रहा है. विद्यालय के सभी शिक्षक उसकी सहायता करते थे. भविष्य में भी उसकी पढ़ाई के क्षेत्र में हम अपनी ओर से पूरी सहायता करने की कोशिश करेगें.