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बाबूजी धीरे चलना, मोड़ पर जरा संभलना
अमित शर्मा कोलकाता : महानगर में एक ऐसा क्रॉसिंग (सड़क का मोड़) है, जहां राहगीर जान जोखिम में डाल सड़क पार करने को मजबूर होते हैं. यह हाल महानगर के हार्ट माने जानेवाले धर्मतल्ला इलाके का है. पूरा इलाका भीड़-भाड़वाला है. यह वह इलाका है, जो महानगर के लगभग सभी हिस्सों को जोड़ता है. यहीं […]
अमित शर्मा
कोलकाता : महानगर में एक ऐसा क्रॉसिंग (सड़क का मोड़) है, जहां राहगीर जान जोखिम में डाल सड़क पार करने को मजबूर होते हैं. यह हाल महानगर के हार्ट माने जानेवाले धर्मतल्ला इलाके का है. पूरा इलाका भीड़-भाड़वाला है. यह वह इलाका है, जो महानगर के लगभग सभी हिस्सों को जोड़ता है. यहीं से अन्य राज्यों को जानेवालीं दूर-दराज की बसें भी गुजरती हैं.
निकट ही राजभवन, महत्वपूर्ण शॉपिंग मॉल व बाजार इलाका है. राजनीतिक सभाएं इसी इलाके में प्राय: होती हैं. इलाका महत्वपूर्ण है. यहां जेब्रा क्रॉसिंग भी है, फिर भी हाल बुरा है. यदि लोग धर्मतल्ला स्थित केसी दास मोड़ के निकट खड़े होते हैं और सड़क पार कर टीपू सुलतान मसजिद के निकट यानी लेनिन सरणी से सियालदह, पार्क सर्कस व इंटाली रूट की बस पकड़नी है, तो मुश्किल होती है.
केसी दास मोड़ से टीपू सुलतान मसजिद के निकट यानी लेनिन सरणी के पास जाने के लिए जेब्रा क्रासिंग है, लेकिन राहगीरों को सड़क पार करने के लिए ग्रीन सिगनल काफी कम मिल पाता है. असल में जब केसी दास मोड़ से टीपू सुलतान मसजिद की ओर यानी लेनिन सरणी जाने के लिए वाहनों को सिग्नल मिलता है, तब केसी दास मोड़ से बेंटिक स्ट्रीट जानेवाले वाहन भी बायीं ओर से गुजरने लगते हैं यानी राहगीरों को केसी दास मोड़ के निकट ही खड़ा होना पड़ता है.
उसके बाद जब सीआर एवेन्यू से डोरिना क्रासिंग और डोरिना क्रासिंग से सीआर एवेन्यू व बेटिंक स्ट्रीट जाने के लिए वाहनों को जब आवाजाही का सिगनल मिलता है, तो केसी दास मोड़ से टीपू सुलतान मसजिद के निकट यानी लेनिन सरणी की ओर सड़क पार करने के लिए राहगीरों को मौका नहीं मिल पाता. यही वजह है कि गुजरते हुए वाहनों के बीच से राहगीर अपनी जान जोखिम में डाल कर केसी दास मोड़ से टीपू सुलतान मसजिद के निकट यानी लेनिन सरणी की ओर जाते देखे जाते हैं.
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में पूरे देश में सड़क के मोड़ के निकट लगभग 20,320 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में लगभग 5,934 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 17,534 लोग घायल हुए. बात यदि पश्चिम बंगाल की करें, तो इस अंतराल में सड़क मोड़ के निकट 617 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इन दुर्घनाओं में लगभग 278 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 615 लोग घायल हुए.
पश्चिम बंगाल में हुए कुल हादसे
वर्ष-कुल हादसे-मृतक-घायल
2012-12290-5397-13773
2013-12414-5504-13182
2014-12875-5875-12018
2015-13208-6234-11794
बोले पुलिस अधिकारी
कोलकाता पुलिस के हेडक्वार्टर ट्रैफिक गार्ड के एक अधिकारी ने बताया कि केसी दास मोड़ से लेनिन सरणी जाने के लिए जेब्रा क्रासिंग है. ऐसा नहीं है कि सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रासिंग बंद कर दिया गया है. धर्मतल्ला में वाहनों की आवाजाही का काफी दबाव होता है.
ट्रैफिक पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. हो सकता है कि वाहनों की आवाजाही के दबाव के कारण राहगीरों को सड़क पार करने के सिगनल दिये जाने में थोड़ी देर हुई हो. महानगर में ऐसा कोई जेब्रा क्रासिंग नहीं है, जो राहगीरों के लिए बंद किया गया हो. यदि केसी दास मोड़ के पास कुछ समस्या है, तो जांच की जायेगी.
क्या कहते हैं राहगीर : बेलघरिया के रहनेवाले तपन दास ने कहा कि सियालदह जाने के लिए उन्हेें लेनिन सरणी से बस पकड़नी होती है. केसी दास मोड़ से लेनिन सरणी के निकट जाने के लिए उन्हें चलते वाहनों के बीच से गुजरना पड़ता है, क्योंकि राहगीरों को सड़क पार करने के लिए सिग्नल जल्द नहीं मिल पाता.
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