एसएमएस एलर्ट लोगों को यह बतायेगा कि एक निश्चित इलाके में कितने हाथी मौजूद हैं. बांकुड़ा-पश्चिम मेदिनीपुर बेल्ट में मानव-पशु संघात रोकने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिये गये निर्देश के बाद वन विभाग ने यह पहल की है. राज्य सरकार ने हाथियों के हमले के पीड़ितों को मिलनेवाला मुआवजा एक लाख से बढ़ा कर ढाई लाख कर दिया है. हाथियों द्वारा फसलों को तबाह किये जाने पर एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. हाथियों के तांडव को रोकने के लिए वन विभाग दो बाड़ा तैयार कर रहा है.
एक बांकुड़ा व पुरुलिया के सीमावर्ती मयूरझरना इलाके में एवं दूसरा अलीपुरद्वार में स्थापित किया जायेगा. प्रत्येक बाड़ा आठ हेक्टर भूमि पर होगा. हालांकि इन बाड़ों को कृत्रिम तरीके से बनाया जायेगा, पर हाथी यहां चराई के लिए स्वतंत्र होंगे आैर इन बाड़ो को प्राकृतिक रूप से समृद्ध किया जायेगा. बाड़े में खाना समेत हाथियों के लिए सभी सुविधा मौजूद होगी. जंगली जानवरों के हमलों से ग्रामीणों की रक्षा के लिए वन विभाग ने आधुनिक यंत्रों से तैयार चार आधुनिक वाहन तैयार किये हैं. गांवों व शहरों में हाथियों के प्रवेश करने पर एरावत नामक इन वाहनों को उन्हें वहां से निकालने के काम में इस्तेमाल किया जायेगा.