कोलकाता: आये दिन बस में खुदरा को लेकर कंडक्टर और यात्रियों के बीच नोंक-झोंक होती रहती है. इस समस्या के समाधान के लिए कोलकाता के कुछ निजी बस रूटों ने आपसी समझौते से ड्यू स्लिप चलाने का निर्णय किया है. इस मुद्दे को लेकर निजी बस के रूटों में कई बार बैठक भी हो चुकी है. उन्होंने कूपन लेने-देने की सहमति पर करार भी कर लिया है, इनमें 20 से ज्यादा बस रुट शामिल है. 15 जून से इस योजना को चालू करने का प्रस्ताव रखा गया है.
कैसे काम करेगा डय़ू कूपन
ड्यू कूपन के चालू होने से 10 रुपये देकर पांच रुपये की टिकट लेने पर यात्रियों को पांच रुपये का ड्यू कूपन दे दिया जायेगा, जिसे यात्री अन्य रूट की बस में चढ़ने पर आसानी से उपयोग कर पायेंगे. इसके साथ दस के नोट से सात रुपये की टिकट लेने पर तीन रुपये, आठ की टिकट पर दो रुपये और नौ रुपये की टिकट पर एक रुपये का भी ड्यू कूपन जारी करने की योजना है.
यात्री उस डय़ू कूपन का इस्तेमाल दूसरी बस में कर सकेंगे. जैसे पांच रुपये की टिकट लेने के लिए पांच रुपये का कूपन दे सकते हैं. खुदरा की जगह ड्यू स्लिप जारी करने को लेकर अब तक ज्यादा से ज्यादा बस रूटों के बीच आपसी बातचीत चल रही है. इनमें 219, 219 ए, 221, 202, 30 बी,30 डी, 79 बी, 79 डी, 45 ए, 45, 47, 47ए, 223, 3सीए, 3डी सहित कई अन्य रूट शामिल है.
20 से ज्यादा बस रूट तैयार
इस संबंध में 219 रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के महासचिव तपन नाग ने बताया कि बस मालिकों को बस चलाने के लिए बाजार से अधिक रुपये देकर खुदरा खरीदना पड़ रहा है, इससे बस मालिकों को घाटा उठाना रहा है. समस्या के समाधान के लिए 20 से ज्यादा बस रूट के मालिक एसोसिएशनों ने ड्यू कूपन चलाने के लिए आपसी करार किया है.
बस सिंडिकेट नहीं है पक्ष में
सचिव तपन नाग ने बताया कि कोलकाता के ज्यादातर बसें बंगाल बस सिंडिकेट और ज्वाइंट काउंसिल बस सिंडिकेट के अंतर्गत चलती हैं. इन दोनों सिंडिकेट से ड्यू स्लिप चलने के लिए बातचीत की गयी थी, लेकिन दोनों सिंडिकेट ने कोलकाता के इस प्रकार का ड्यू स्लिप चलाने के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया. श्री नाग ने बताया कि दोनों बस सिंडिकेट में शामिल अध्यक्ष व अन्य सदस्यों को राज्य सरकार से आसानी से खुदरा मिल जा रहा है, जिसकी वजह से सिंडिकेट इस कूपन व्यवस्था में शामिल नहीं होना चाहता है.
नकल रोकथाम पर सतर्कता
महासचिव तपन नाग ने बताया कि ड्यू स्लिप को काफी सुरक्षा के साथ तैयार किया जायेगा, उसमें रूट का लोगो व हस्ताक्षर शामिल होगा, जिसकी नकल कर पाना असंभव होगा. ड्यू स्लिप हिसाब से जारी किया जायेगा. कूपन जारी करने के लिए बैंक एकाउंट खोला जायेगा. बस मालिक रूट से ड्यू स्लिप खरीदेंगे. उन्होंने कहा कि इस ड्यू स्लिप को तैयार करने में काफी खर्च आयेगा.
हर रूट का अलग-अलग ड्यू स्लिप होगा. एक रूट दूसरे रूट के ड्यू स्लिप का नकल नहीं कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि 15-15 दिन के अंतराल में बस रूट एक दूसरे के कूपन को लेकर रुपये का आपस में भुगतान कर लेंगे. ड्यू स्लिप की व्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा बस रूटों के शामिल होने से खुदरा की किल्लत में कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि ड्यू स्लिप चालू करने के पहले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्तमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री को पत्र लिखा गया है.
यात्रियों की माने तो डय़ू कूपन के चालू होने से उन्हें भी बस में खुजरे को लेकर रोज के खिच-खिच से राहत मिलेगी. कंडक्टर को नोट पकड़ाने में हिचकिचाहट नहीं महसूस होगा. वहीं कुछ यात्री कूपन को सिरदर्द के तौर पर ले रहे हैं.