Advertisement
उपन्यासकार आशापूर्णा देवी को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
कोलकाता : बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध उपन्यासकार व कवयित्री आशापूर्णा देवी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता आशापूर्णा देवी को उनकी 107वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि. उनकी पुस्तकें हमेशा कालातीत रहेंगी. आशापूर्णा देवी का जन्म आठ […]
कोलकाता : बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध उपन्यासकार व कवयित्री आशापूर्णा देवी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता आशापूर्णा देवी को उनकी 107वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि.
उनकी पुस्तकें हमेशा कालातीत रहेंगी. आशापूर्णा देवी का जन्म आठ जनवरी 1909 को उत्तर कोलकाता के पटलडांगा में हुआ था. 86 वर्ष की उम्र में उनका देहांत 13 जुलाई 1995 को हुआ था. वह बांग्ला भाषा की विख्यात कवयित्री और उपन्यासकार थीं, जिन्होंने 13 वर्ष की अवस्था से लेखन प्रारंभ किया और आजीवन साहित्य रचना से जुड़ी रहीं. गृहस्थ जीवन के सारे दायित्व को निभाते हुए उन्होंने लगभग दो सौ कृतियां लिखीं, जिनमें से अनेक कृतियों का भारत की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.
उनके सृजन में नारी जीवन के विभिन्न पक्ष, पारिवारिक जीवन की समस्याएं, समाज की कुंठा और लिप्सा अत्यंत पैनेपन के साथ उजागर हुई हैं. उनकी कृतियों में नारी का व्यक्ति-स्वातन्त्र्य और उसकी महिमा नयी दीप्ति के साथ मुखरित हुई है. स्वर्णलता, प्रथम प्रतिश्रुति, प्रेम आे प्रयोजन, बकुलकथा, गाछे पाता नील, जल, आगुन आदि उनकी प्रमुख रचनाएं हैं. उन्हें 1976 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करनेवाली वे पहली महिला हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement