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सीआइएससीइ के नये पाठ्यक्रम के लिए तैयार नहीं हैं एंग्लो इंडियन स्कूल

बैठक के बाद ही होगा अंतिम फैसला कोलकाता : बंगाल के एंग्लो इंडियन स्कूल काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम को अभी मानने के लिए तैयार नहीं हैं. काउंसिल ने नर्सरी से आठवीं तक के सिलेबस में बदलाव का प्रस्ताव दिया था. इसे लेकर कुछ आइसीएसइ स्कूलों के प्रिंसिपलों का कहना […]

बैठक के बाद ही होगा अंतिम फैसला
कोलकाता : बंगाल के एंग्लो इंडियन स्कूल काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम को अभी मानने के लिए तैयार नहीं हैं. काउंसिल ने नर्सरी से आठवीं तक के सिलेबस में बदलाव का प्रस्ताव दिया था.
इसे लेकर कुछ आइसीएसइ स्कूलों के प्रिंसिपलों का कहना है कि एंग्लो इंडियन स्कूलों में जो पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है, वह शिक्षा के उच्च स्तर को बनाये रखने के लिए काफी है. प्रस्तावित पाठ्यक्रम के हिसाब से स्कूल नहीं चल सकते हैं. इसका फैसला एसोसिएशन ऑफ हेड्स ऑफ एंग्लो इंडियन स्कूल्स की बंगाल ईकाई द्वारा आयोजित एक बैठक में लिया गया. यह संगठन क्रिश्चयन मिशिनरीज व एंग्लो इंडियन समुदाय के सदस्यों द्वारा चलाये जा रहे आइसीएसइ स्कूलों के प्रिंसिपलों द्वारा चलाया जाता है.
बैठक के बाद कुछ प्रिंसिपलों ने यह राय व्यक्त की कि नर्सरी से लेकर आठवीं तक के प्रस्तावित पाठयक्रम का अनुसरण करना स्कूलों के लिए अनिवार्य नहीं है. इसमें ला मार्टीनियर, लोरेटो स्कूल, सेंट जेम्स, प्रैट मेमोरियल, वैलेंड गोल्डस्मिथ, कलकत्ता ब्वायज, फ्रेंक एन्थोनी, सेंट थोमस ब्वायज, सेंट थोमस गर्ल्स, जूलियन डे, असेंबली ऑफ गॉड चर्च व लोयेला हाई स्कूल शामिल हैं. इस विषय में एक स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि अब तक तो यही फैसला हुआ है कि सीआइएससीई के नये पाठ्यक्रम स्कूलों में नहीं अपनाया जायेंगे. इसका अंतिम फैसला अगले सप्ताह किया जायेगा.
वैसे आठवीं तक का पाठयक्रम इंटर स्टेट बोर्ड फॉर एंग्लो इंडियन एजुकेशन द्वारा ही तैयार किया जाता है.हमारे स्कूलों के लिए प्रस्तावित सिलेबस को लागू करना कोई बाध्यता नहीं है. अगर काउंसिल दबाव डालेगी, तो फिर इस मामले में बातचीत की जायेगी. सेंट जेम्स स्कूल के सूत्रों का कहना है कि नये पाठयक्रम शुरू करने से अच्छा है कि शिक्षा की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दिया जाये. सीआइएससीई के मुख्य कार्यकारी एराथन ने लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में इस नये पाठ्यक्रम की जानकारी दी. इस घोषणा के बाद महानगर के स्कूलों में इसको लेकर उत्सुकता बढ़ गयी है. सूत्रों का कहना है कि छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम करने के लिए नये पाठ्यक्रम की रूप-रेखा तैयार की गयी है.
इस पाठ्यक्रम में अभी कुछ विषयों में आैर भी संशोधन किये जायेंगे. 64 साल पुराने सीआइएससीइ के इतिहास में यह पहली बार है कि कक्षा नर्सरी से लेकर आठवीं तक एक समान पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. इसके बाद काउंसिल 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव करेगी. एफिलियेटेड स्कूलों को इसका पालन करना ही होगा.

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